ईरान भी बनेगा चीन-पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर का हिस्सा?

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चीन-पाकिस्तान

ईरान भी बनना चाहता है चीन-पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर का हिस्सा। पाकिस्तान के पीएम नवाज शरीफ से मुलाकात में ईरान के राष्ट्रपति रूहानी ने सीपीईसी का हिस्सा बनने की इच्छा जाहिर की है। अरबों डॉलर की लागत से बनने वाले चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) का हिस्सा बनने को लेकर ईरान ने गुरूवार को बताया।

यह आर्थिक गलियारा पश्चिमी चीन को ब्लूचिस्तान के समुद्री बंदरगाह से होते हुए पाकिस्तान के नियंत्रण वाले कश्मीर को जोड़ता है। ईरान के राष्ट्रपति हसन रुहानी ने 371 वें संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र से इतर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के साथ बैठक के दौरान यह बात कही।

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प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के कार्यालय से जारी एक बयान में कहा गया कि राष्ट्रपति रूहानी ने सीपीईसी को हकीकत में बदलने की पीएम की दूरदर्शिता की तारीफ करते हुए इसका हिस्सा बनने की अपनी इच्छा उन्होंने जाहिर की। इसमें आगे कहा गया कि कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट को पाकिस्तान और ईरान दोनों ही देशोंन क्षेत्र के विकास के लिए बेहद जरूरी माना है।

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भारत ने जताई थी इस गलियारे पर चिंता

नवाज शरीफ के कार्यालय से जारी बयान में आगे कहा गया है विशेषतौर पर दोनों नेताओं ने ग्वादर और चाबहार समुद्री बंदरगाहों को तारीफ करते हुए कहा कि इससे अगले दशकों में क्षेत्रीय व्यापार को काफी बढ़ावा मिलेगा। गौरतलब है कि भारत ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर से गुजरने वाले इस चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे को लेकर अपनी चिंता जताई थी।

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