ब्रिटेन में आतंकवाद पर पाक की निंदा वाली याचिका पर रिकार्डतोड़ हस्ताक्षर, सरकार चर्चा को मजबूर

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पाक आतंकवाद

दिल्ली: आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को एक और झटका लगा है। लेकिन इस बार ये झटका किसी देश की सरकार ने नहीं बल्कि वहां के निवासियों ने दिया है। पाकिस्तान द्वारा आतंकवादियों को सुरक्षित पनाहगाह मुहैया कराने के लिए इस देश की ‘‘कड़े शब्दों में निंदा’’ के लिए ब्रिटेन में एक हस्ताक्षर अभियान चलाया जा रहा था। ब्रिटेन संसद की वेबसाइट पर मौजूद इस याचिका पर हस्ताक्षर करने वालों का आंकड़ा आज 10 हजार की सीमा को पार कर गया। इस जादूई आंकडे को पार करने के कारण अब ब्रिटिश सरकार इस पर प्रतिक्रिया देने के लिए मजबूर हो गई है।
‘ब्रिटिश सरकार आतंकवादियों को सुरक्षित पनाहगाह मुहैया कराने हेतु पाकिस्तान की कड़े शब्दों में निंदा करेगी’ शीषर्क वाली याचिका पर अब हस्ताक्षर करने वालों की संख्या इस याचिका पर प्रतिक्रिया देने के लिए ब्रिटेन सरकार को हकदार बनाने के लिए जरूरी संख्या के आंकड़े को पार कर गई है।

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लेकिन लक्ष्य 29 मार्च 2017 की सीमा तक एक लाख हस्ताक्षर हासिल करना है ताकि इस मुद्दे पर ‘हाउस आफ कामन्स’ में संसदीय बहस करने पर विचार हो।

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भारतीय मूल के पेशेवर नमन परोपकारी द्वारा लिखित याचिका में कहा गया, ‘‘पाकिस्तान निरंतर आतंकवाद के मुद्दे पर दोहरी बात करता रहा है। उसने आतंकवाद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय गठबंधन के दुश्मनों की मदद और उन्हें उकसाने का काम किया है। ओसामा बिन लादेन पाकिस्तान में छिपा हुआ था। पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकी नेटवर्क को शरण देता रहता है।’’ इसमें कहा गया कि आईएसआई पर अक्सर अमेरिका में 11 सितंबर 2001 हमला, कश्मीर में आतंकवाद, भारतीय संसद पर हमला और मुंबई आतंकी हमला सहित विश्वभर में बड़े आतंकी हमलों में भूमिका निभाने का आरोप लगता है।

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याचिका में कहा गया कि कई लोगों ने इस बात पर ध्यान दिया है कि पाकिस्तानी सेना और देश के खुफिया प्रतिष्ठान आईएसआई के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा कई आतंकवादी तथा आपराधिक संगठनों का समर्थन किया जाता है।