सर्जिकल स्ट्राइक का वीडियो नहीं होगा सार्वजनिक: पार्रिकर

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सर्जिकल स्ट्राइक

दिल्ली: रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने आज नियंत्रण रेखा के पार सेना के लक्षित हमलों का कोई भी वीडियो फुटेज जारी करने की संभावना को खारिज कर दिया और सेना पर संदेह करने वालों की ‘निष्ठा’ पर सवाल उठाया।
पर्रिकर ने एलओसी के पास सेना के अभियान को ‘शत प्रतिशत सही सर्जिकल स्ट्राइक’ बताते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार में देश की सरहदें सुरक्षित हैं।

पर्रिकर ने आगरा में आयोजित भाजपा के एक कार्यक्रम में यह बयान दिया।

उन्होंने चेतावनी दी कि देश के प्रति पूरी तरह वफादारी नहीं रखने वाले कुछ तत्वों के खिलाफ सतर्कता बरतनी होगी।

उन्होंने कहा, ‘‘किसी को हमारी सेना की बहादुरी पर कभी संदेह नहीं हुआ, लेकिन पहली बार हाल ही में कुछ लोग संदेह कर रहे हैं।’’ पर्रिकर के मुताबिक वह ऐसे लोगों के नाम नहीं लेना चाहेंगे।

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एक टीवी चैनल की एक खबर, जिसमें पाकिस्तान के एक पुलिस अधिकारी ने सर्जिकल स्ट्राइक होने की बात कबूली है, का जिक्र करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘अब वीडियो जारी करने या कोई सबूत देने की कोई वजह नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि हमले में भारत का कोई जवान हताहत नहीं हुआ था।

विदेश मंत्रालय की ब्रीफिंग में प्रवक्ता विकास स्वरूप ने भी वीडियो फुटेज जारी करने की मांगों को दरकिनार कर दिया। बताया जाता है कि सेना ने सरकार को फुटेज सौंपे हैं।

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उन्होंने कहा, ‘‘सरकार क्या जारी करती है और क्या नहीं, यह पूरी तरह राष्ट्रीय सुरक्षा से निर्धारित होता है और होता रहेगा। मुझे और कुछ नहीं कहना।’’

स्वरूप ने कहा कि पड़ोसियों के खिलाफ अपनी जमीन से प्रायोजित आतंकवाद से पाकिस्तान का इनकार करना सामान्य बात है। उन्होंने कहा, ‘‘ओसामा बिन लादेन और मुल्ला उमर के मारे जाने के बाद भी इस तरह के इनकार किये गये थे। लेकिन हम सब सच जानते हैं।’’ स्वरूप ने कहा कि 29 सितंबर को लक्षित हमला एलओसी पार से आतंकवादियों के खतरे को समाप्त करने के लिए किया गया था।

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इस बीच पर्रिकर ने कहा कि कई पूर्व-सैनिकों ने जरूरत पड़ने पर सरहद पर लड़ने की इच्छा जताई है।

मंत्री ने कहा, ‘‘कुछ पूर्व-सैनिकों ने मुझे पत्र लिखकर कहा कि वे जरूरत पड़ने पर सीमा पर लड़ने को तैयार हैं। मैं उन्हें सलाम करता हूं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारे देश में इस काम को करने का जिगर और साहस है।’’ पर्रिकर ने यह भी कहा कि फौज को और नागरिकों को ऐसे हताश आतंकवादियों के खिलाफ सतर्क रहना होगा जो लक्षित हमलों के बाद शर्मिंदगी के कारण हमलों का प्रयास करेंगे।