नई दिल्ली। रूस के साथ वार्षिक द्विपक्षीय शिखर-सम्मेलन से पहले भारत ने पाकिस्तान के साथ रूस के संयुक्त अभ्यास को लेकर उससे विरोध दर्ज कराया है और कहा है कि आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले देश के साथ संयुक्त अभ्यास से समस्याएं और बढ़ेंगी।
मॉस्को में भारत के राजदूत पंकज सरन ने रूसी समाचार एजेंसी रिया नोवोस्ती को दिये साक्षात्कार में कहा कि ‘‘हमने रूसी पक्ष को अपने इन विचारों से अवगत करा दिया है कि आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले और राजकीय नीति के तौर पर इसे अपनाने वाले पाकिस्तान के साथ सैन्य सहयोग एक गलत रख है और इससे केवल और समस्याएं पैदा होंगी।’’
सरन ने कहा कि ‘‘आज दुनिया के सामने कुछ ज्वलंत मुद्दे हैं जिन पर ब्रिक्स देश निश्चित रूप से ध्यान देंगे और इनमें आतंकवाद का प्रश्न तथा ब्रिक्स समूह के सभी देशों के सामने आतंकवाद के खतरे का विषय शामिल है। इस तरह यह क्षेत्रीय संघर्षों और वैश्विक हालात के अलावा सम्मेलन में विचार-विमर्श का प्रमुख मुद्दा होगा।’’
भारत-रूस संबंधों पर सरन ने कहा कि जहां तक रूस के साथ भारत के संबंधों की बात है तो दोनों देश विशेष रणनीतिक साझेदारी कायम रखते हैं। उन्होंने कहा कि ‘‘हम इसमें कोई बदलाव नहीं देखते। दूसरी तरफ यह सैन्य-तकनीकी सहयोग के क्षेत्र समेत सभी क्षेत्रों में मजबूत ही हुई है। यह साझेदारी क्षेत्र और दुनिया में शांति और स्थिरता की सू़त्रधार है।’’
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