चीन के सामानों का बहिष्कार हो जाएगा विफल, जानिए क्यों?

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चीन के सामानों

भारत में चीन के सामानों के बहिष्कार के लिए अभियान चलाए जा रहे है। सोशल मीडिया पर लोगों ने #BoycottChinaProducts करके कैंपेन स्टार्ट करे है। नेताओं के साथ साथ बाबा राम देव ने भी कि चीन के सामान के बहिष्कार करने की अपील। लेकिन इंडियास्पैंड का एक विश्लेषण दर्शाता है कि यह अभियान विफल होगा। क्योंकि भारत में व्यापार का सबसे बड़ा हिस्सेदार चीन है। भारत के कुल आयात की गई सामग्रियों का छठा हिस्सा चीन से आता है, जो साल 2011-12 के दौरान महज 10वां हिस्सा था। इसी दौरान भारत से चीन को होने वाला निर्यात घटकर आधा हो चुका है।

गौरतलब है कि पिछले दो सालों में चीन से आयात में 20 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, जबकि पिछले साल यह पांच फीसदी बढ़कर 61 अरब डॉलर का हो चुका है। आयातित सामग्रियों में बिजली सयंत्रों और सेट टॉप बॉक्स से लेकर गणेश प्रतिमाएं तक हैं।

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इसके अलावा भारत का कुल आयात पिछले पांच सालों में 490 अरब डॉलर से गिरकर 380 अरब डॉलर रह गया है, जिसका मुख्य कारण कच्चे तेल की कीमतों में आई वैश्विक गिरावट है।

चीन को भारत का निर्यात वर्ष 2011-12 में 1,800 करोड़ डॉलर (86,000 करोड़ रुपये) से घटकर 2015-16 में 900 करोड़ डॉलर (58,000 करोड़ रुपये) रह गया है। भारत से मुख्यत: कपास, तांबा, पेट्रोलियम और औद्योगिक मशीनरी को छोड़कर, ज्यादा कुछ निर्यात नहीं किया जाता। यानी कि कि भारत जितना सामान चीन को बेचता है, उससे छह गुना अधिक चीन से ख़रीदता है।

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वाणिज्य मंत्रालय से जारी डाटा पर हमारे विश्लेषण के अनुसार भारत प्रमुख रूप से चीन से सेलफोन, लैपटॉप, सौर सेल, उर्वरक, कीबोर्ड डिस्प्ले और संचार उपकरणों- ईयरफोन सहित- का आयात करता है।

इसके अलावा चीन से तपेदिक और कुष्ठ रोग की दवाएं, एंटीबायोटिक दवाएं, बच्चों के खिलौने, इंडस्ट्रियल स्प्रिंग, बॉल बेयरिंग, एलसीडी और एलईडी डिस्प्ले, राउटर, टीवी रिमोट और सेट टॉप वाक्स का आयात किया जाता है।
इसके बावजूद बिहार के जनता दल (एकीकृत) के नेता शरद यादव, असम के नवनिर्वाचित वित्त मंत्री हिमंत विश्व शर्मा और हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने ‘मेड इन चाइना’ सामानों के बहिष्कार की अपील की है।

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उदाहरण के लिए यादव ने हाल में ही कहा, “हमारे देश और चीन के बीच का व्यापार असंतुलित हो गया है जो हमारे घरेलू उद्योग के लिए हानिकारक और खतरनाक है।”

विज ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, “लोगों को चीनी सामान नहीं खरीदना चाहिए। इसकी बजाय भारतीय सामान प्रयोग करें। चीन के साथ व्यापार से हमारे देश का नुकसान है। चीन हमारा दोस्त नहीं है। चीन हमसे जो कमाई करता है उससे हथियार खरीदता है। वह हमारे दुश्मनों को भी वही हथियार दे सकता है। इसलिए हमें मेक इन इंडिया पर ध्यान देना चाहिए।”