नई दिल्ली। स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव की अहमियत का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने बुधवार(19 अक्टूबर) को कहा कि एक सौहार्दपूर्ण माहौल बनाना जरूरी है, ताकि लोग बगैर डर या पक्षपात के अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकें।
उन्होंने समावेशी, जानकारी रखने वाले और नैतिक भागीदारी के लिए मतदाता शिक्षा पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में शरीक हुए विभिन्न देशों के चुनाव प्रबंधन संस्थाओं और अंतरराष्ट्रीय निर्वाचन संस्थाओं के प्रमुख से बात करते हुए यह कहा।
राष्ट्रपति ने कहा कि यहां मौजूद चुनाव प्रबंधन संस्थाओं के प्रमुख लोकतंत्र के संरक्षक हैं और इस तरह मानवता के भी। मुखर्जी ने कहा कि लोकतंत्र संबद्ध देश के संविधान के मुताबिक स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव करने की उनकी जिम्मेदारियों के जरिए सफल होगा।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत के आजाद होने और एक गणराज्य में तब्दील होने के बाद देश में वयस्क मताधिकार की सफलता के बारे में कई संदेह जताए गए थे। हालांकि भारत के निर्वाचन आयोग ने हमारे लोकतंत्र में एक अहम भूमिका निभाई जो एक विशाल और बड़ी आबादी वाले देश में सुव्यवस्थित रूप से चुनाव करा रहा है।
राष्ट्रपति ने कहा कि देश में मतदाताओं की भागीदारी चुनाव दर चुनाव बढ़ती गई है। साल 2014 का आम चुनाव ऐतिहासिक रहा। मुखर्जी ने कहा कि वह इससे खुश हैं कि मतदाताओं ने एक बहुमत वाली सरकार का चुनाव कर एक स्थायी राजनीतिक व्यवस्था चुनी है।
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र का मूल उद्देश्य ऐसे मतदाता तैयार करना है जो जानकारी रखते हों और लगातार शासन के कार्यों से जुड़े हों।