राष्ट्रीय जांच एंजेसी (एनआइए) ने इस महीने की शुरुआत में देश में आतंकी हमलों की कथित साजिश रचने को लेकर केरल से छह लोगों को गिरफ्तार किया। वहीं भारत, अफगानिस्तान और संयुक्त अरब अमीरात की खुफिया एजेंसियां अब्दुल्ला नाम के व्यक्ति की खोज कर रही हैं।
अब्दुल्ला केरल के कोझीकोड के रहने वाले था जिसके पिता ट्रक ड्राइवर हैं। दूसरे कई कामगारों की तरह वह भी केरल से खाड़ी देशों में काम करने के लिए गया था। इमिग्रेशन और सुरक्षा जांच पार करने में उसे जरा भी दिक्कत नहीं हुई। लेकिन उसके बाद से वो आतकंवादी संगठन इस्लामिक स्टेट की आंत में गायब हो गया।
खुफिया एजेंसियों की माने तो अब्दुल्ला लोगों को बहला फुसला कर इस्लामिक स्टेट (ISIS) के लिए युवाओं की भर्ती का काम देखता है। सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार अब्दुल्ला अब अफगानिस्तान के नंगरहार प्रांत में रहता है और वो इस्लामिक स्टेट में अहम पद पर कार्यरत है।
खुफिया एजेंसियों के अनुसार मोसूल और रक्का में इस्लामिक स्टेट कमजोर पड़ता जा रहा है। जिसके लिए आईएस ने भारतीय जिहादियों को सैन्य प्रशिक्षण देने के लिए अफगानिस्तान भेजने का निर्देश दिया है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, एक खुफिया अधिकारी ने कहा, ‘नंगरहार ब्लैक होल की तरह की अबूझ है। अगर आप गायब होना चाहते हैं तो ये बिल्कुल सटीक जगह है। अफगान खुफिया सर्विस भी इस इलाके में खुद को असहाय पाती है।’
खुफिया एजेंसियों का मानना है कि जिन 67 भारतीयों पर आईएस के लिए काम करने की आशंका है उनके अलावा भी कई लोग इस आतंकी संगठन से जुड़े हो सकते हैं। एनआईए के एक अधिकारी ने कहा, ‘सच बताएं तो हमें ठीक से नहीं पता कि कितने प्रवासी भारतीय इस्लामिक स्टेट से जुड़े हैं।’ जिस तरह विभिन्न भारतीय शहरों से आईएस से जुड़े संदिग्ध पकड़े जा रहे हैं उसे देखते हुए ये बात सभी के लिए काफी चिंताजनक है। इससे भी ज्यादा चिंताजनक बात ये है कि शिक्षित युवकों का इनका शिकार होना।