अपनी आमदनी में बढ़ोतरी के लिए खास ट्रेनों में सर्ज प्राइज़िंग लागू करने वाली भारतीय रेलवे को करारा झटका लगा है। इस बार का रेलवे का आंकड़ा वाकई चौकां देने वाला है, वैसे तो आमतौर पर रेलवे की आमदनी टारगेट से कम होती ही है लेकिन रेलवे के ताजा आंकड़ों से पता चलता है कि सिर्फ 6 माह में ही इंडियन रेलवे की आमदनी में 4 हज़ार करोड़ रूपये की कमी आयी है जिसके चलते रेलवे को पैसेंजर किरायों में बदलाव करना पड़ सकता है।
इंडियन रेलवे के सूत्रों के मुताबिक सर्ज प्राइज़िंग लागू होने के बावजूद आमदनी में भरी गिरावट आई है। बीते साल इसी अवधि में रेलवे की कुल आमदनी 84 हजार 747 करोड़ रुपये थी, लेकिन इस साल उसी अवधि में यह आमदनी कम होकर 80 हजार 893 करोड़ रुपये रह गई। यानी की छह महीने में ही रेलवे की आमदनी 3853 करोड़ रुपये कम हो गई है। यह हालत तब है, जबकि रेलवे पर इसी साल ही नए वेतनमान का बोझ आया है। बीते साल एक से 10 अक्टूबर के बीच रेलवे की आमदनी 4304 करोड़ थी, जो इस साल एक से दस अक्टूबर के बीच कम होकर 4072 करोड़ रुपय रह गई है।
इंडियन रेलवे के सूत्रों के मुताबिक जिस तरह से आमदनी का ग्राफ गिरा है, उससे साफ है कि रेलवे का नुकसान बढ़ेगा। इसकी वजह यह है कि इसी साल ही रेलवे ने सातवें पे कमिशन की सिफारिशें लागू की हैं, जिससे रेलवे को लगभग 33 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त भुगतान करना पड़ेगा। इसी तरह से रेलवे का नुकसान बढ़ेगा। इंडियन रेलवे के सूत्रों का कहना है कि आमदनी में कमी की सबसे बड़ी वजह यह है कि माल ढुलाई के मामले में अब रेलवे पिछड़ रहा है।
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