नई दिल्ली। भारत में अमेरिका के राजदूत रिचर्ड वर्मा ने अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव के प्रचार अभियान के दौरान और ‘असहिष्णुता’ वाले कुछ तबकों में मुसलमानों के खिलाफ हुई ‘अस्वीकार्य बयानबाजी’ को खारिज कर दिया।
वर्मा ने कहा कि किसी तरह के भेदभाव को उचित नहीं ठहराया जा सकता है। उन्होंने विविधता को स्वीकार किए जाने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि यह भारत और अमेरिका के साझा मूल्यों में समाहित है।
जामिया मिलिया इस्लामिया में दिए व्याख्यान में वर्मा ने कहा कि भारत और अमेरिका के संबंध बहुत उच्च स्तर पर हैं और इसका श्रेय उन्होंने दोनों देशों के नेतृत्व को दिया।
उन्होंने कहा कि ‘‘हम दुनिया के कई हिस्सों में देखते हैं कि असहिष्णुता और प्रवासी विरोधी भावना के तबके बढ़ रहे हैं। इसमें अमेरिका में देखी गई मुसलमानों के खिलाफ अस्वीकार्य बयानबाजी भी शामिल है तथा यह मुख्य रूप से राष्ट्रपति चुनाव प्रचार के दौरान थी।’’
अमेरिका में इस्लाम विरोधी भावनाओं के संदर्भ में पूछे गए सवाल पर वर्मा ने कहा कि किसी व्यक्ति के खिलाफ भेदभाव को किसी भी तरह से उचित नहीं ठहराया जा सकता।
अमेरिकी राजदूत ने आतंकवाद, साइबर खतरक, पर्यावरण संबंधी क्षरण और जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए ‘समान विचार वाले साझेदारों’ के साथ आने का आह्वान किया।