नव निर्वाचित राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के खिलाफ अमेरिका में जबरदस्त विरोध प्रदर्शनों हो रहा है। पोर्टलैंड में एक प्रदर्शनकारी को गोली मारे जाने के बाद से तो हालात और खराब हो गए हैं। शनिवार को कई शहरों में ट्रंप के खिलाफ लोग सड़क पर उतरे। इन लोगों को डर है कि उनके नागरिक और मानव अधिकारों के लिए खतरा पैदा होने वाला है। प्रदर्शनकारी बैनर और प्ले कार्ड लिये हुये थे जिसमें ‘हमारा राष्ट्रपति नहीं है’ और ‘अमेरिका को सभी के लिए सुरक्षित बनाओ’ जैसे नारे लिखे हुये थे।
ट्रंप के खिलाफ ये रैलियां न्यू यॉर्क, लॉस एंजिलिस और शिकागो में दिन भर चलीं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि ट्रंप राष्ट्रपति पद के लिए उचित व्यक्ति नहीं हैं। न्यू यॉर्क के 62 साल के एक रिटायर्ड बैंकर मेरी फ्लोरिन ने हाथ में ‘अमेरिका में फ़ासीवाद नहीं’ के मेसेज वाली एक तख्ती पकड़ी हुई थी। मेरी ने कहा, हम डरे हुए हैं, देश ने आश्चर्यजनक रूप से एक अयोग्य, नस्लवादी, जातिवादी और महिलाओं से नफरत करने वाले व्यक्ति को राष्ट्रपति चुन लिया है।
शिकागो और लॉस एंजिलिस में भी कई सैकड़ों-हजारों लोगों ने प्रदर्शन रैलियों में भाग लिया और ‘डंप ट्रंप’ और ‘अल्पसंख्यक मायने रखते हैं’ जैसे संदेश दे रही तख्तियों को हवा में लहराया। फेसबुक पर 1 लाख लोगों ने इस रैली में जाने की योजना बनाने के लिए संकेत दिए थे। लोग इतने ज्यादा था कि आयोजकों को डर था कि कहीं कोई हिंसा की स्थिति पैदा न हो जाए।
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