अब भारत का पॉल्यूशन कंट्रोल करेगा यूरोपीय संघ, चल रही हैं ये तैयारियां

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दिल्ली और अन्य शहरों में प्रदूषण के कारण पैदा हुई खराब स्थिति के बीच यूरोपीय संघ ने भारत को वायु गुणवत्ता सुधारने के लिए अपनी सर्वश्रेष्ठ तकनीकी विशेषज्ञता की मदद की पेशकश की है।

इस पहल के तहत, यूरोपीय संघ जनवरी में तीन शहरों में एक परियोजना शुरू करेगा ताकि प्रदूषण कम करने के प्रभावी उपायों की दिशा में अधिकारियों की मदद की जा सके। कई शीर्ष यूरोपीय कंपनियों की ओर से हवा को स्वच्छ बनाने के लिए लाए गए उपायों को भी इस परियोजना में शामिल किया जाएगा।

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यूरोपीय संघ के अधिकारी पहले से ही परियोजना लाने के मुद्दे पर केंद्र से बात कर चुके हैं। इस परियोजना के पहले चरण में दिल्ली को शामिल किया जा सकता है।

पिछले महीने ही दिल्ली ने बीते 20 साल में प्रदूषण का सबसे भयावह स्तर देखा था। परियोजना को अंतिम रूप देने के लिए यहां मौजूद अधिकारियों ने कहा कि वे इस बात की एक व्यापक तस्वीर देखने की कोशिश कर रहे हैं कि भारी प्रदूषण का सामना कर रहे शहरों में हवा की गुणवत्ता का प्रबंधन कैसे किया जाता है। इसके अनुरूप ही सबसे उपयुक्त हल मुहैया कराया जाएगा।

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भाषा की खबर के अनुसार, यूरोपीय संघ के सूत्रों के मुताबिक पहला कदम भारत में वायु गुणवत्ता प्रबंधन व्यवस्था को समझने का होगा। संघ इस बात की पूरी तस्वीर हासिल करने की कोशिश कर रहा है कि वायु गुणवत्ता का प्रबंधन कैसे किया जाता है।

इसमें पक्षकारों से जुड़े विश्लेषण और नियमन को भी शामिल किया जा रहा है और उसके हिसाब से ही अगला कदम उठाया जाएगा। परियोजना के बोर्ड की रूपरेखा तय कर ली गई है।

इस पहल का एक बड़ा पहलू प्रदूषण के बारे में जागरूकता बढ़ाने से जुड़ा होगा।प्रदूषण के मुद्दे पर विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक हालिया रिपोर्ट में भारत के 30 शहरों को विश्व के सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों में शामिल किया गया था।

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इस वैश्विक संस्था ने पीएम 2.5 के मामले में 103 देशों के 3000 शहरों में से दिल्ली को 11वें स्थान पर रखा था। डब्ल्यूएचओ ने भारत के चार शहरों को दुनिया के 10 सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों में शामिल किया था। हालांकि सरकार ने इस रिपोर्ट को भ्रमित करने वाला बताया था।