पूर्व विदेश सचिव शिवशंकर मेनन का कहना है कि दोनों देशों के बीच मुद्दों को सुलझाने के लिए बातचीत के अलावा कोई और विकल्प नहीं है, क्योंकि पाकिस्तान से बात नहीं करने से आतंकवादियों का मनोबल बढ़ेगा और इससे आतंकवादियों और उनके प्रायोजकों का एजेंडा पूरा हो जाएगा।
अपनी पुस्तक ‘चॉइसेज- इनसाइड द मेकिंग ऑफ इंडियाज फॉरेन पॉलिसी’ के औपचारिक विमोचन से पहले मेनन ने कहा, यदि आप बात नहीं करेंगे तो आप ऐसा नहीं कर आतंकवादियों और उनके प्रायोजकों को वह अवसर उपलब्ध करा रहे हैं, जो वे चाहते हैं, क्योंकि वे बातचीत नहीं चाहते। वे चर्चा को नियंत्रित करना चाहते हैं। वे संबंधों में रोक चाहते हैं। इसलिए मुझे लगता है कि आप उन्हें ऐसा कैसे करने दे रहे हैं। मेनन पाकिस्तान में भारत के विदेश सचिव और बीजिंग में राजदूत भी रह चुके हैं।
उन्होंने कहा, बातचीत करने का यह मतलब नहीं है कि आप आतंकवादियों से निपटने के लिए अन्य जरूरी चीजें नहीं कर सकते। आपको आतंकवादियों का खात्मा करना पड़ेगा, जैसा कि किसी देश को करना चाहिए।
एनडीटीवी की खबर के मुताबिक, उन्होंने आगे कहा, लेकिन इसका यह मतलब भी नहीं है कि आप बातचीत बंद कर दें। यदि आपके पास अवसर है तो बात कीजिए और उस समय आपके पास कहने को बहुत कुछ होगा। आप सीमापार आतंकवाद की वजह से संबंधों में गतिरोध नहीं चाहते और पाकिस्तान और पाकिस्तानी तत्वों के सहयोग से फसाद नहीं चाहते। मेनन ने कहा, हमें इस मुद्दे को उठाने और इसके बारे में बात करने की जरूरत है।