दिल्ली परिवहन निगम(DTC) में 500 और 1000 के 8.15 करोड़ रुपये के नोट जमा कराने का मामला सामने आया है। हालांकि नोटबंदी के ऐलान के बाद से ही डीटीसी कंडक्टरों को 500 और 1000 रुपये के नोट यात्रियों से नहीं लेने के निर्देश दिये गये थे। इसके बावजूद 9 से 19 नवंबर के बीच डीटीसी कंडक्टर ने मनाही के बावजूद 500 और 1000 के नोट यात्रियों से लेकर सरकारी खजाने में जमा करा दिए।
दिल्ली सरकार को शक है कि असल में यात्रियों ने तो वैध नोट ही कंडक्टर को दिए होंगे, लेकिन ये कंडक्टर या डीटीसी अधिकारियों का काला धन हो सकता है, जो मिलीभगत से सरकारी खजाने में जमा कर दिए गए।
दिल्ली सरकार को शक हुआ तो सरकार ने 19 नवंबर को इस मामले की जांच बैठा दी। प्राथमिक जांच में सामने आया है कि डीटीसी के 40 में से 20 डिपो से बैंकों में टिकट कलेक्शन के नाम पर 500 और 1000 के अवैध नोट जमा हुए। इनमें 1000 रुपये के कुल 33,647 नोट और 500 रुपये के 95,677 नोट है, जिनका कुल मूल्य 8 करोड़ 14 लाख 85 हज़ार 500 रुपये है।
हालांकि खुद सरकार मानती है कि सिर्फ कंडक्टर इस तरह से काला धन सरकारी खजाने में जमा नहीं करा सकते, क्योंकि कंडक्टर यात्रियों से किराये का पैसा वसूल जरूर करता है, लेकिन इसके बाद कैशियर, डिपो मैनेजर और अकाउंट विभाग की भी इसमें भूमिका होती है। परिवहन मंत्री सत्येंद्र जैन ने मामला एसीबी को सौंपने के आदेश दिए हैं।