पश्चिम बंगाल के विभिन्न टोल प्लाजाओं पर अचानक सेना की तैनाती को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 30 घंटे बाद दफ्तर से निकलीं। बाहर आने के बाद उन्होंने पत्रकारों से कहा कि केंद्र सरकार उन्हें कुचलना चाहती है। इसके खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ी जाएगी। ममता ने कहा, ‘यदि सरकार ने राज्य से सेना की मौजूदगी नहीं हटाई तो हम कानूनी लड़ाई लड़ेंगे। मोदी सरकार डाकू सरकार बन गई है। मैं कहना चाहती हूं कि मोदी जी लोगों के पैसे लूट रहे हैं। सेना के लिए मेरे मन में अपार सम्मान है लेकिन उन्हें राजनीतिक बदले के लिए क्यों इस्तेमाल किया जा रहा है। यह गलत है।” जब उनसे पूछा गया कि क्या जरूरत पड़ने पर वह केंद्र सरकार से कानूनी रूप से लड़ेंगी? इस पर बंगाल की सीएम ने जवाब दिया, ”यह पहले ही शुरू हो चुका है, चिंता मत कीजिए।’
गौरतलब है कि ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में सेना के अभ्यास पर ऐतराज जताया था। ममता ने आरोप लगाया था कि राज्य सरकार को सूचित किए बगैर सेना तैनात की गई। साथ ही उन्होंने यह भी दावा किया कि सैन्यकर्मी वाहनों से पैसा वसूल रहे थे जो उन्हें नहीं करना था। ममता ने दावा करते हुए कहा कि केंद्र सरकार उन्हें डराने के लिए सेना का उपयोग कर रही है। यह आपातकाल से भी खराब समय है। उन्होंने पूछा था कि क्या राज्य में तख्तापलट किया जा रहा है। इस पर केंद्र और सेना की ओर से कहा गया कि यह रूटीन प्रक्रिया है। सेना हर साल इस तरह का अभ्यास करती है। इसका मकसद यह होता है कि सेना को किसी आपात स्थिति में कितने वाहन उपलब्ध हो सकते हैं।