बीमारी के बाद अस्पताल में कैसे गुजरे जयललिता के आखिरी दिन ? पूरी कहानी डॉक्टरों की जुबानी

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जयललिता

अपोलो अस्पताल की नर्स और डॉक्टरों की टीम उस वक्त भवुक हो गई जब उन्होंने दिवंगत मुख्यमंत्री जयललिता के साथ बिताये एक-एक पल को याद किया। उनकी देखभाल के लिए मौजूद रहने वाली नर्सों को जयललिता ने ‘किंग-कॉग’ नाम से नवाजा था। तीन नर्स हर वक्त उनकी देखभाल के लिए अस्पताल में उनके साथ रहतीं थीं। नर्स सी वी शीला ने जयललिता को याद करते हुए भावुक अंदाज में कहा कि जब हम अम्मा के आसपास होते थे तो उनके चेहरे पर मुस्कान आ जाती थी। कभी-कभी वह कुछ बातचीत करती थीं।

शीला ने बताया कि हम उनके साथ रहते थे तो मुश्किल के बाद भी कुछ न कुछ खाने का प्रयास वह करतीं थीं। अक्सर वह हमें कहती थीं कि आप लोग मुझे जो कहेंगी और जैसे कहेंगी मैं करूंगी। उन्होंने इलाज के दौरान हमें भरपूर सहयोग प्रदान किया था। शीला ने बीते लम्हों को याद करते हुए कहा कि वह एक चम्मच सभी नर्सों के लिए जबकि एक-एक चम्मच अपने लिए कुछ खातीं थीं।

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जयललिता हमेशा इन तीन नर्सों का इंतजार करती थीं, जिन्हें अम्मा प्यार से ‘किंगकांग’ बुलाती थीं। नर्सों से जयललिता कहता थीं, “घर चलो, बेहतरीन चाय पिलवाऊंगी।”

अम्मा की हॉस्टिपल स्टाफ से हो गई थी दोस्ती, करती थीं खूब हंसी-मजाक

जयललिता को अपोलो हॉस्पिटल की कॉफी बिलकुल पसंद नहीं थी। एक दिन उन्होंने अपनी सभी नर्सों से कहा- “सब मेरे घर चलो, बेहतरीन चाय पिलवाऊंगी।” जयललिता को खाने में उनका पसंदीदा उपमा, पोंगल या दही-चावल, और आलू करी दिया जाता था, जो उनका कुक ही बनाता था। जयललिता के लिए 16 नर्स लगाई गई थीं, जो तीन शिफ्ट में काम करती थीं। इनमें से शीला, रेनुका और समुनदीश्वरी उन्हें सबसे ज्यादा पसंद थी। सोमवार (5 दिसंबर) को जयललिता के निधन के बाद अपोलो हॉस्पिटल में एक शोक सभा आयोजित की गई। इसमें डॉक्टर्स, नर्स और सहयोगी स्टाफ ने बताया कि 75 दिन के तक चले इलाज के दौरान किस तरह अम्मा कई बार मजाक करती थी और इलाज में सहयोग करती थीं।

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अम्मा का नर्सों को आखिरी संदेश – ‘कितनी भी बिजी रहो लेकिन खुद के लिए समय जरूर निकालो’

22 सितंबर की रात जयललिता को इमरजेंसी रूम में लाया गया था। चार घंटे बाद जब उनकी हालत में सुधार हुआ तो वो होश में आई। होश में आने के बाद उन्होंने संडविच और कॉफी मांगी थी। जयललिता की देखभाल कर रही टीम को लीड कर रहे सीनियर सलाहकार और डॉक्टर आर सेंथिल ने बताया कि इसके बाद वह लगातार यहां एडमिट रहीं। उन्होंने बताया कि अम्मा के पास जब भी समय होता था वह डॉक्टर्स से बातें किया करती थीं। वह स्किन केयर को लेकर टिप्स दिया करती थीं और कई बात को हेयर स्टाइल बदलने का आदेश भी देती थीं। मेडिकल डायरेक्टर डॉ. सत्या भामा ने कहा, “वह हमेशा महिलाओं को कहती थीं- कितनी भी बिजी रहो लेकिन खुद के लिए समय जरूर निकालो।”

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