नई दिल्ली। नोटबंदी के बाद भ्रष्टाचारियों पर और शिकंजा कसने के लिए सरकार भ्रष्टाचार निवारक कानून में संशोधन ला सकती है ताकि कानून के तहत अपराधरिक माध्यमों से हासिल की गई संपत्ति या धन को जब्त या बरामद किया जा सके। प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को यह जानकारी दी।
सिंह ने राज्यसभा को बताया कि भ्रष्टाचार निवारक कानून 1988 में संशोधन प्रस्तावित है ताकि कुर्क की गई संपत्ति को जब्त या उसका प्रबंधन किया जा सके। साथ ही कानून के तहत अपराध के रूप में वर्णित माध्यमों से अर्जित की गई संपत्ति या धन को जब्त या बरामद किया सके।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 और 2015 में क्रमश: कुल 683 और 437 अधिकारियों को विभागीय रूप से दण्डित किया गया। 2016 में इस कानून के तहत कुल 696 मामले मुकदमे के दौरान निस्तारित किए गए और 447 में दोषी साबित किया गया।
गौरतलब है कि राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के अनुसार भ्रष्टाचार निवारक कानून के तहत 2014 में 4966 और 2015 में 5250 मामले दर्ज किए गए। इस कारण इनमें 5.7 प्रतिशत की वृद्धि का पता चलता है।