भेदभाव से तंग होकर दलित बने ईसाई, लेकिन जारी है यहां भी इनके साथ छुआछुत

0
दलित ईसाई
Prev1 of 2
Use your ← → (arrow) keys to browse

दिल्ली: दलित भले ही हिन्दु धर्म में भेदभाव से तंग आकर ईसाई बन जाते हैं या ईसाई बन जाने की धमकी देते हैं। लेकिन वहां भी दलितों का हाल बेहतर नहीं है। बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक ईसाई धर्म में भी दलित ईसाईयों को छुआछुत और भेदभाव का सामना करना पड़ता है। हाल ही में भारत के एक कैथोलिक चर्च ने आधिकारिक तौर पर पहली बार यह बात मानी है कि उनके धर्म में भी दलित ईसाइयों को भेदभाव का सामना करना पड़ता है।

इसे भी पढ़िए :  अब नेपाल ने भी आतंकवाद पर पाकिस्तान को घेरा

नीतिगत दस्तावेज़ों के जरिए ये जानकारी सामने आई, जिसमें कहा गया है कि उच्च स्तर पर नेतृत्व में उनकी (दलित ईसाइयों की) सहभागिता न के बराबर है।

इसे भी पढ़िए :  योगी आदित्यनाथ ने मदर टेरेसा को बताया ईसाईकरण की साज़िश का हिस्सा

इस बारे में अमृतसर से सटे मजीठा कस्बे में रहने वाले सुच्चा मसीह कहते हैं, “मैं क़रीब 35 साल पहले ईसाई मिशन में शामिल हुआ था। पहले हम सिख थे और हमारा दलित पृष्ठभूमि से वास्ता रहा। लेकिन धर्म परिवर्तन के बाद हमें कोई मदद नहीं मिली। हम लोग आज तक अपने घर पर ही प्रभु जी का नाम लेते हैं। मिशन ने हमें प्रार्थना हॉल देने का वादा किया था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।”

इसे भी पढ़िए :  बांग्लादेश के कारखाने में बॉयलर फटा, 21 मरे, 50 घायल
Prev1 of 2
Use your ← → (arrow) keys to browse