दिल्ली: चीन अब हथियारों के बाजार के मामले में भी अमेरिका और उसके सहयोगी देशों के एकाधिकार को तोड़ने जा रहा है। चीन ने हाल ही में पांचवीं पीढ़ी के एफसी-31 जिरफाल्कन स्टील्थ लड़ाकू विमान का परीक्षण किया है। चीन रडार की पकड़ में आने वाले इस विमान को अब अमेरिकी लड़ाकू विमानों की तुलना में आधी कीमत पर बेचेगा। ताकि लडाकू विमान खरीदने वाले देश अमेरिका के बजाय चीन से लड़ाकू विमान खरीद सके। पाकिस्तान पहले ही इसे खरीदने में रुचि दिखा चुका है। भारत के पास अभी स्टील्थ लड़ाकू विमान नहीं है।
सरकारी समाचार पत्र ‘चाइना डेली’ की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि शेनयांग एयरक्राफ्ट इसका निर्माण कर रहा है। यह एविएशन इंडस्ट्री कॉरपोरेशन ऑफ चाइना (एवीआइसी) का हिस्सा है। इसे पूर्व में जे-31 के नाम से जाना जाता था। चीन नवंबर, 2015 में 14वें दुबई एयरशो में एफसी-31 का प्रदर्शन कर चुका है। रिपोर्ट में एफसी-31 को मौजूदा समय में पांचवीं पीढ़ी का सबसे उन्नत विमान बताया गया है। चीन अक्टूबर, 2012 में इसे पहली बार दुनिया के सामने लाया था। एवीआइसी का मुख्य उद्देश्य लड़ाकू विमान निर्यात के क्षेत्र में अपनी पैठ बनाना है। फिलहाल इस सेक्टर में अमेरिकी और यूरोपीय कंपनियों का एकाधिकार है।
आगे देखिए इस लड़ाकू विमान का वीडियो