नई दिल्ली। गूगल ने मंगलवार(3 जनवरी) को अपने होमपेज पर भारत की पहली महिला टीचर सावित्रीबाई फुले को उनके 186वें जन्मदिन पर डूडल बनाकर श्रद्धांजलि दी है। इस डूडल में उन्हें बड़े ही प्रेम भाव से बहुत सी महिलाओं को अपने आंचल में शरण देते हुए दिखाया गया है।
महाराष्ट्र के सतारा में एक छोटे से गांव में वर्ष 1831 में आज ही के दिन जन्मीं सावित्रीबाई फुले का राज्य में समाज सुधार आंदोलन में अहम योगदान रहा है। सावित्रीबाई ने उस समय महिलाओं के विकास के बारे में सोचा, जब भारत अंग्रेजों का गुलाम था।
सावित्रीबाई ने सामाजिक भेदभाव और कई रुकावटों के बावजूद अपनी शिक्षा पूरी की और बाकी महिलाओं को भी शिक्षित करने का बीड़ा उठाया। सावित्रीबाई फुले ने अपने पति क्रांतिकारी नेता ज्योतिराव फुले के साथ मिलकर लड़कियों के लिए 18 स्कूल खोले थे।
उन्होंने छुआछूत, सतीप्रथा, बाल-विवाह और विधवा विवाह निषेध जैसी कुरीतियां के विरुद्ध काम किया। बाद में उन्होंने बलात्कार पीड़ित महिलाओं की मदद के लिए ‘बालहत्या प्रतिबंधक गृह’ की स्थापना की। फुले जाति और लिंग के आधार पर होने वाले भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाती रहीं।