पूर्व गृहमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कश्मीर समस्या के लिए सरकार को एक नया रास्ता सुझाया है। साथ ही समस्या के लिए अपनी सरकार को भी कठघरे में खड़ा किया है। चिदंबरम ने कहा है कि जम्मू कश्मीर की समस्या का समाधान तबी हो सकता है जब इसे और स्वायत्ता दी जाए। और अगर ऐसा नहीं किया गया तो देश को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।
पूर्व गृहमंत्री ने बुधवार को इंटरव्यू के दौरान ये बातें कहीं। चिदंबरम मे इस इंटरव्यू के दौरान कहा कि “मैं समझता हूं कि उनका तरीका गलत है। हमने उस बड़ा समझौते की अनदेखी की है, जिसके तहत कश्मीर का भारत में विलय हुआ था। मेरा मानना है कि हमने भरोसा तोड़ा है, हमने वादे तोड़े हैं और नतीजा यह हुआ कि हमने भारी कामत चुकाई है”
आगे चिंदबरम ने कहा कि नके मुताबिक सबसे बेहतर समाधान यह है कि नई दिल्ली को कश्मीर की जनता को यह अश्वासन देना चाहिए कि कश्मीर का विलय होने के समय जिस “बड़े समझौते का वादा किया गया था” उसका पूरी तरह से पालन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मैं गलत हो सकता हूं, मैं सही हो सकता हूं लेकिन जरूरी तो यह है कि आश्वासन दिया जाए और बड़े समझौते का पालन किया जाए। जहां तक संभव हो, उन्हें अपने कानून बनाने दीजिए और तब तक बनाने दीजिए जब तक यह संविधान की सीमा को ना लांघे।
इस दौरान कांग्रेस नेता कहा कि “हमें सुनिश्चित करना है कि हम पहचान, इतिहास, संस्कृति, धर्म का सम्मान करें”। साथ ही यूपीए सरकार में गृहमंत्री रह चुके चिदंबरम ने अपनी सरकार को भी इस इंटरव्यू में लपेटा और कहा कि यूपीए सरकार भी इस मुद्दे से ठीक तरीके से नहीं निपट सकी।