‘असलियत में कोई पद्मावती थी ही नहीं!’

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पद्मावती

जयपुर में पद्मावती की शूटिंग के दौरान जाने माने निर्देशक संजय लीला भंसाली के साथ हुई बदसलूकी की जहां पूरा बॉलीवुड निंदा कर रहा है तो करणी सेना को अपने किए पर कोई पछतावा नहीं है। राज्य सरकार का करणी सेना के इस हमले पर कहना है कि गुस्सा आना स्वाभाविक है लेकिन कानून हाथ में लेना भी गलत है। इसके बाद अब इतिहासकार भी इस मामले में सामने आ गए हैं। वरिष्ठ इतिहासकार इरफान हबीब ने दावा किया है कि जिस पद्मावती के अपमान को मुद्दा बनाकर करणी सेना और दूसरे संगठन हंगामा मचा रहे हैं, वैसा कोई कैरेक्टर असलियत में था ही नहीं, क्योंकि पद्मावती पूरी तरह से एक काल्पनिक चरित्र है।

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इरफान हबीब ने कहा कि मशहूर लेखक मलिक मोहम्मद जायसी ने पद्मावती का किरदार रचा था। ये एक काल्पनिक किरदार है। जायसी ने इसे आधार बनाकर बहुत प्रसिद्ध उपन्यास लिखा था। हबीब ने कहा कि पद्मावती का इतिहास में 1540 से पहले कोई रिकॉर्ड नहीं मिलता। इस किरदार को 1540 में रचा गया। किसी भी इतिहासकार ने 1540 से पहले इसका उल्लेख नहीं किया। ये चीजें पूरी तरह से काल्पनिक हैं।

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हबीब ने कहा कि जायसी ने राजस्थान को आधार बनाकर एक रोमांटिक उपन्यास लिखा क्योंकि राजस्थान एक रोमांटिक जगह थी। उनकी परिस्थितियों के हिसाब के पद्मावती का किरदार फिट बैठता था इसलिए उन्होंने उसे वास्तविक बनाकर पेश किया। लेकिन उसके आधार पर इतिहास में कोई बदलाव करना मुश्किल है।

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