शिवसेना ने मुखपत्र सामना में एक बार फिर बीजेपी पर हमला बोला है। लेख में बीजेपी सरकार को मुगलों की तरह काम करने वाला बताया है। इसमें कहा गया कि बीजेपी अपनी हिंदुत्व के एजेंडे को भूल गई है कि जो लोग हिंदुत्व और राम मंदिर का जिक्र करके, गंगा का पानी बेच-बेचकर आगे बढ़े वह ही राज्य में हमारे भगवानों को रखने पर निष्कासित करने में लगी हुई है। दरअसल शिवेसना ने महाराष्ट्र सरकार के उस आदेश की आलोचना की है जिसमें राज्य के मुख्यमंत्री ने किसी भी सरकारी आफिस, सरकार के किसी भी मंत्रालय में या स्कूल में भगवानों के चित्र न लगाने का आदेश जारी किया है। इस आदेश का शिवसेना के मंत्रियों ने खुलकर विरोध किया है। जिसके तुरंत बाद इस आदेश को वापस ले लिया गया।
मुंबई नगर निगम चुनावों से पहले 20 साल से चले आ रहे गठबंधन के टूटने के बाद दोनों पार्टियों में कड़वाहट साफ दिख रही है। लेख में आगे छत्रपति शिवाजी का जिक्र करते हुए आगे लिखा गया, छत्रपति ने कभी धर्म के साथ राजनीति नहीं की। उन्होंने हिंदु भगवानों को मुगलों से बचाने के लिए लड़ाई लड़ी, लेकिन आज की सरकार मुगलों की तरह व्यवहार कर रही है। स्वराज के युग में भी यह सरकार अपने ही देवताओं पर हमले शुरू कर चुकी है।’
इस लेख में आगे फडणवीस सरकार पर यह भी आरोप लगाया कि अरब सागर में शिवाजी स्मारक सिर्फ राजनीतिक लाभ के लिए बनाया जा रहा है। कश्मीर का जिक्र करते हुए लिखा गया कि बीजेपी कश्मीरी पंडितों को उनका हक नहीं दिलवाना चाहती बल्कि हमेशा महबूबा मुफ्ती की ‘आरती उतारते’ रहना चाहती है। लेख में बीजेपी पर आरोप लगाया गया कि वह धर्म की रक्षा नहीं करना चाहती। लेख में यह भी कहा गया है कि बीजेपी ने शिवसेना की पीठ में छुरा घोंपने का काम किया है। कहा गया है कि दोनों पार्टियों ने 2014 में गठबंधन तो कर लिया लेकिन तब से अबतक दोनों पार्टियां के रिश्ते ठीक नहीं हैं।