वित्त मंत्री अरूण जेटली की अध्यक्षता वाली जीएसटी परिषद द्वारा हाल में किये गये कुछ फैसलों के खिलाफ आज शहीद दिवस पर अप्रत्यक्ष कर विभाग के करीब 70,000 कर अधिकारी और कर्मचारी काम के दौरान काली पट्टी बांधकर विरोध जताएंगे।
अधिकारियों और कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठनों ने कहा कि जीएसटी परिषद ने जो निर्णय लिये हैं वह राज्यों की तरफ झुके हुए हैं जो केंद्र के शुल्क लगाने और कर संग्रह के संप्रभु कार्य के लिए अच्छा नहीं है। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के सफल और सुचारू क्रियान्वयन के लिये समर्थन जताते हुए एसोसिएशन ने इसे तार्किक और पारदर्शी तरीके से करने की मांग की है।
संगठनों ने आज एक बयान में कहा, ”हालांकि, जीएसटी परिषद की हाल की बैठक में जो निर्णय किये गये हैं, उससे लगता है कि योजना के मूल ढांचे के साथ समझौता किया गया है और इससे अव्यवस्था और भ्रम पैदा हो सकता है जो न केवल राजस्व के लिहाज से बल्कि उद्योग, व्यापार और वाणिज्य के लिये भी नुकसानदायक है।” जीएसटी परिषद ने 16 जनवरी को हुई बैठक में राज्यों को 12 समुद्री मील के क्षेत्र में होने वाली आर्थिक गतिविधियों पर कर लगाने की अनुमति दे दी। साथ 1.5 करोड़ रऊपये तक का सालाना कारोबार करने वाले 90 प्रतिशत करदाताओं को भी राज्यों के हवाले कर दिया गया।