कश्मीर में ऐसा शायद बरसों बाद हुआ है जब देश के लिए शहीद होने वाले जवान को अंतिम विदाई देने हजारों लोग आए। अक्सर तो ऐसा तब देखने में आता है जब आतंकियों का अंतिम संस्कार होता है और हजारों की भीड़ जुटती है। आज तो हालत यह है कि घाटी में ज्यादातर जगहों पर सेना को फूल की बजाए पत्थरों का सामना करना पड़ता है। लेकिन गुरुवार को आतंकी हमले में शहीद हुए लांस नायक गुलाम मोहिउद्दीन राठेर को अंतिम विदाई देने के लिए कश्मीर में सड़कों पर हजारों की भीड़ उमड़ी। शुक्रवार को जब तिरंगे में लिपटा इस शहीद का शव बिजबेहरा के मरहामा गांव लाया गया तो पूरे शहर में शोक की लहर दौड़ गई।
जिस वक्त राठेर को बंदूकों की सलामी दी गई, कई लोग अपने आंसू नहीं रोक पाये। दक्षिणी कश्मीर का ये इलाका हिज्बुल मुजाहिदीन का गढ़ माना जाता है। लिहाजा एक सैनिक के लिए लोगों के इस जज्बात से खुद सेना भी हैरान है। इससे पहले श्रीनगर में आर्मी चीफ बिपिन रावत ने भी राठेर को श्रद्धांजलि दी थी।
गौरतलब है कि राष्ट्रीय राइफल्स की 44वीं बटालियन में तैनात गुरुवार को शोपियां में आतंकियों का निशाना बने थे। वो साथियों के साथ कुन्गु गांव से एक ऑपरेशन के बाद लौट रहे थे जब कुछ आतंकियों ने उनके काफिले पर हमला कर दिया। हमले में मोहिउद्दीन के साथ उनके दो साथी भी शहीद हुए थे। जिस जगह ये हमला हुआ वो मोहिउद्दीन के घर से बमुश्किल 25 किलोमीटर दूर है।
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