जिस एम्बुलेंस के दम पर डिंपल मांग रही थीं वोट, उसी से हटाया जाएगा ‘समाजवादी’ शब्द, पढ़िए क्यों?

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समाजवादी
फाइल फोटो

उत्तर प्रदेश में आधा चुनाव बीत जाने के बाद चुनाव आयोग की नजर समाजवादी एंबुलेंस सेवा पर पड़ गई है। मामले में यूपी के मुख्य चुनाव अधिकारी टी.वेंकटेशन ने प्रदेश सरकार को चिट्ठी लिखकर एंबुलेंस सेवा में ‘समाजवादी’ शब्द ढकने का निर्देश दिया है।

जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश में 108 सेवा के तहत इस समय 1488 एंबुलेंस चल रही हैं। इनकी शुरुआत समाजवादी स्वास्थ्य सेवा के नाम से 2012 में की गई थी। इसके दो साल बाद 2014 में 102 एंबुलेंस सेवा भी शुरू की गई थी।

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दरअसल अखिलेश की शुरू की गई जिस एंबुलेंस सेवा के नाम पर डिंपल वोट मांग रही हैं उस पर अब चुनाव आयोग का चाबुक चल गया है। चुनाव आयोग ने 108 नंबर वाले एंबुलेंस से समाजवादी शब्द हटाने का आदेश दिया है। आदेश आते ही समाजवादी शब्द हटाने का काम भी शुरू हो गया। चुनाव आयोग के मुताबिक उसे शिकायत मिली थी जिसके बाद ये कार्रवाई की गई है।

उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी पीके पाण्डेय ने बताया कि इस संबंध में आई एक शिकायत पर उक्त कार्रवाई की गई है। चुनाव आयोग ने प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को निर्देश दिया था कि वह ‘समाजवादी’ शब्द ढ़कना सुनिश्चित कराए। पाण्डेय ने बताया कि कुल 1488 एंबुलेंस पर अंकित ‘समाजवादी’ शब्द ढ़क दिया गया है।

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हालांकि समाजवादी सरकार ने जो लैपटॉप और स्कूल बैग बांटे हैं, उनको लेकर भी सवाल उठाया जा रहा था। क्योंकि उन पर अखिलेश यादव की तस्वीर आती है। लेकिन फिलहाल अभी समाजवादी एंबुलेंस से समाजवादी शब्द हटाया गया है।

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बीएसपी एंबुलेंस के बहाने समाजवादी पार्टी पर हमले कर रही है लेकिन पिछले चुनाव में उसके चुनाव चिन्ह हाथी के साथ भी ऐसा ही कुछ हुआ था। 2012 के विधानसभा चुनाव में शिकायत के बाद चुनाव आयोग ने पार्कों में बनी हाथी की मूर्तियों को ढंकवाया था। उस वक्त न सिर्फ मूर्तियों को ढंक दिया गया था बल्कि चुनाव तक के लिए स्मारकों को दर्शकों के लिए बंद करवा दिया गया था।