यूपी की योगी सरकार द्वारा किसानों के कर्ज माफ करने की घोषणा ,पंजाब में कैप्टन सरकार की गले की हड्डी बन गयी है । अब इस मुद्दे पर शिरोमणि अकाली दल ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को घेर लिया है। पार्टी के सेक्रेटरी डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने कैप्टन से पूछा कि वह कब किसानों के कर्ज माफी करेंगे।
इस पर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा है कि वे किसानों का कर्ज माफी के लिए प्रतिबद्ध है। साथ ही यह भी कहा कि पहली कैबिनेट मीटिंग में किसानों के कर्ज माफी करने के लिए कोर ग्रुप बनाया गया है ताकि पता चले कि किसानों पर कितना कर्ज है और इसके माफी के लिए कहाँ से फंड जुटाया जाये।
कैप्टन अमरिंदर सिंह के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल ने भी इस मामले में स्पष्ट किया कि किसानों का कर्ज हर हाल में माफ होगा लेकिन इसे यूपी के किसानों या उनकी सरकार के साथ जोड़ना सही नहीं है।
बता दे कि चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी ने किसानों से कर्ज संबंधी फार्म भरवाए थे। शिअद सेक्रेटरी डॉ. चीमा पूछते हैं, जब आपके पास पूरा आंकड़ा है तो फिर नए सिरे से डाटा जुटाने का क्या मतलब है? अब अपने वादे से भाग रहे हैं।
गौर करने की बात है कि है कि स्टेट लेवल बैंकर्स कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार 31 दिसंबर 2016 तक किसानों को 54000 करोड़ का कर्ज दिया हुआ है। को-आपरेटिव बैंकों का लोन 9000 करोड़ का है। विभागीय अधिकारी इस बात से हैरान हैं कि जब प्रदेश की कुल फसल 60 हजार करोड़ सालाना की है तो इतना लोन किसानों पर कैसे चढ़ गया है।
अपने पहले फैसले में यूपी की योगी सरकार ने 30 हजार 729 करोड़ का कर्ज पूरी तरह से माफ किया है। इन किसानों पर अधिकतम एक लाख रुपये तक का कर्ज है। 7 लाख किसानों का लोन जो एनपीए बन गया है वो भी माफ किया गया है। इन 7 लाख किसानों पर तकरीबन 5630 करोड़ रुपये का एनपीए था जो माफ किया गया है।