गोमांस पर बैन की मांग करना सूफी को पड़ा महंगा, भाई ने दरगाह के दीवान पद से हटाया

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अजमेर दरगाह के दीवान जैनुल आबेदीन के बयान ने उनकी मुश्किलें बढ़ा दी हैं। सूफी जैनुल के भाई अलाउद्दीन आलिमी ने उन्हें दरगाह के दीवान पद से हटाने का ऐलान किया है। अलाउद्दीन ने खुद को हजरत मोईनुद्दीन चिश्ती दरगाह का दीवान घोषित कर दिया। अलाउद्दीन ने सूफी जैनुल आबेदीन के बीफ पर दिए बयान के एक दिन बाद ये ऐलान किया। सूफी जैनुल ने ट्रिपल तलाक को भी इस्लाम विरोधी करार दिया था।

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अजमेर दरगाह के दीवान जैनुल आबेदीन ने गोहत्या पर प्रतिबंध की मांग की थी। सैयद जैनुल आबेदीन अली खान ने कहा था- इससे दो समुदायों के बीच नफरत पनप रही है। ऐसे में देश में शांति के लिए सरकार इस पर पूरे तरीके से बैन लगाए। उन्होंने मुसलमानों से भी गोमांस न खाने की अपील थी।

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दरगाह दीवान सैयद जैनुल आबेदीन ने एक बड़ा ऐलान किया था। उन्होंने खुद गोमांस का सेवन न करने की घोषणा की। उन्होंने कहा था- मैं और मेरा परिवार गोमांस का सेवन त्यागने की घोषणा करता हूं।

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