देश की तीसरी सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी Wipro ने वार्षिक मूल्यांकन के दौरान खराब प्रदर्शन के आधार पर 600 कर्मचारियों को निकील दिया है। खबर है कि कंपनी ने अपने करीब 600 कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। न्यूज एजेंसी की खबर के मुताबिक कंपनी की छटनी की प्रक्रिया अभी खत्म नहीं हुई है मतलब कंपनी अभी और कर्मचीरियों को भी धटका देने के मूड में है, माना जा रहा है कि निकाले जाने वालों की संख्या 2000 तक पहुंच सकती है।
विप्रो में दिसंबर 2016 तक 1.79 लाख कर्मचारी कार्यरत थे। इस बारे में संपर्क किए जाने पर विप्रो ने पीटीआई से कहा कि कंपनी नियमित तौर पर गहन प्रदर्शन मूल्यांकन प्रक्रिया का पालन करती है ताकि अपने कारोबारी लक्ष्यों, रणनीतिक प्राथमिकताएं और ग्राहकों की मांग के अनुरूप कर्मचारियों की उपलब्धता सुनिश्चित कर सके। कंपनी 25 अप्रैल को पिछले साल की अंतिम तिमाही का कारोबारी ब्योरा और वार्षिक रिपोर्ट पेश करने वाली है।
कंपनी के बयान में कहा गया है कि प्रदर्शन मूल्यांकन के बाद कुछ कर्मचारी कंपनी से अलग भी किए जा सकते हैं और ये संख्या हर साल अलग-अलग होती है। हालांकि विप्रो ने पीटीआई को ये नहीं बताया कि अब तक कंपनी से कितने कर्मचारी अलग किए जा चुके हैं। विप्रो ने बतााय कि उसके समेकित मूल्यांकन प्रक्रिया में दिशा-निर्देशन, दोबारा प्रशिक्षण और कर्मचारियों की कुशलता को बढ़ाना शामिल है।