चीन परमाणु अप्रसार संधि का कर रहा है खुलेआम उल्लंघन

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एक तरफ चीन भारत का एनएसजी में सदस्यता का विरोध यह कह कर करता है कि भारत ने एनपीटी यानि की परमाणु अप्रसार संधि पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। दूसरी तरफ वो खुद परमाणु रिक्टरों के जरिए पाकिस्तान को परमाणु टेक्नोलॉजी भी खुलेआम दे रहा है। एक ऐसा देश जिसका परमाणु कार्यक्रम खतरे में हैं, परमाणु बम की सुरक्षा पर अंतराष्ट्रीय समुदाय चिंतित है उसे बीजिंग आराम से परमाणु टेक्नोलॉजी को देने में लगा है।
रिपोर्ट के अनुसार चीन और पाकिस्तान के बीच चसमा – 3 परमाणु रिक्टर का समझौता ही 2010 के एनपीटी रिव्यू कांफ्रेंस के विपरीत है। इस कांफ्रेंस में कहा गया था कि किसी भी वैसे देश को परमाणु टेक्नोलॉजी नहीं दिया जा सकता जिसके ऊपर इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी का भरोसा ना हो। और अंतराष्ट्रीय कानुन के अनुसार वो परमाणु हथियार विकसित ना करने पर सहमत हो। इन दोनों में से किसी भी प्रावधान पर पाकिस्तान खरा नहीं उतरता है इसके बावजूद चीन पाकिस्तान को परमाणु मेटेरियल और टेक्नोलॉजी देने से बाज नहीं आ रहा है।

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