आर्थिक तंगी को दूर करने के लिए आईआईटी खड़गपुर ने एक नई योजना तैयार की है। गौरतलब है कि नई सरकार यानि नरेंद्र मोदी सरकार ने इन संस्थानों के बजट में कटौती कर दी है। जिससे संस्थान को पैसे की कमी का सामना करना पड़ रहा है। इस नई योजना के अंतर्गत संस्थान अपने पूर्व छात्रों से आर्थिक सहयोग लेगा।
इस योजना के तहत पहले छात्रों को फीस में छूट दी जाएगी। फिर संस्थान से पढ़ कर निकलने के बाद नौकरी मिलने पर उन विद्यार्थियों को संस्थान को नियमित अनुदान देना होगा। इस योजना को संस्थान ने “लर्न-अर्न-रिटर्न फंड” स्कीम नाम दिया है।
वर्तमान शिक्षा सत्र से यह योजना लागू की जाएगी। इससे बिना बोझ के विद्यार्थी देश के सर्वश्रेष्ठ प्रौद्योगिकी संस्थान में पढ़ सकेंगे और नौकरी मिलने के बाद संस्थान के विकास के लिए योगदान करेंगे।
आईआईटी खड़गपुर के निदेशक पार्थ प्रतिम चक्रवर्ती ने बताया कि हमने विद्यार्थियों से कहा है कि नौकरी पाने के बाद वे प्रतिवर्ष 10 हजार रुपये संस्थान को दें। ऐसे में यदि 30 हजार पूर्व विद्यार्थी भी संस्थान को अनुदान देते हैं तो इसकी वार्षिक कमाई तीन करोड़ रुपये होगी। हार्वर्ड विश्वविद्यालय को उसके बजट का 60 फीसद अपने पूर्व छात्रों से ही प्राप्त होता है।
इस नई योजना में शामिल होने के लिए विद्यार्थियों को संस्थान से वादा करना होगा कि वह करियर बनाने के बाद संस्थान में अनुदान देंगे। निदेशक के मुताबिक संस्थान ने विद्यार्थियों के बीच इस योजना का प्रचार शुरू कर दिया है।