सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को ऐतिहासिक फैसला दिया। कोर्ट ने कहा कि निजता का अधिकार मौलिक अधिकार है और यह संविधान के आर्टिकल 21 (जीने के अधिकार) के तहत आता है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की 9 जजों की संवैधानिक बेंच ने सर्वसम्मति से यह फैसला किया।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में आधार कार्ड योजना की वैधता को चुनौती देने वाली कई याचिकाएं लंबित हैं। याचिकाकर्ताओं की मुख्य दलील है कि आधार कार्ड के लिए बायोमेट्रिक रिकॉर्ड की जानकारी लेना निजता का हनन है।
वहीं, सरकार की यह दलील दे रही है कि निजता का अधिकार मौलिक अधिकार नहीं है। इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने तय किया कि आधार कार्ड की वैधता पर सुनवाई से पहले ये तय किया जाए कि निजता का अधिकार मौलिक अधिकार है या नहीं।