काफी लंबे समय से लंबित पड़ा जीएसटी बिल आखिरकार आज राज्यसभा में पास हो गया। इस विधेयक को वित्त मंत्री अरूण जेटली ने 6 संशोधनों के साथ आज राज्यसभा में पेश किया था। इस बिल पर राज्यसभा में शाम तक चर्चा होती रही। चर्चा के बाद वोटिंग की गई, जिसमें जीएसटी के पक्ष में 197 वोट पड़े। कांग्रेस इस बिल को मनी बिल के रूप में न लाकर फायनेंस बिल के तौर पर लाने की मांग कर रही थी। इस पर जेटली ने कहा कि इस पर कोई भी फैसला सभी पार्टियों से बात करने के बाद ही किया जाएगा। इस विधेयक के विरोध में AIADMK ने सदन से बायकॉट कर दिया।
GST की दर 17-20% के बीच रहने की संभावना जताई जा रही है। राज्यसभा में जेटली ने कहा कि जीएसटी से टैक्स चोरी पकड़ी जा सकेगी। GST काउंसिल केंद्र और राज्य दोनों को टैक्स, सेस, सरचार्ज पर सुझाव देगी। करीब हर राजनैतिक पार्टी का इसमें प्रतिनिधित्व होगा। इस मौके पर केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने जीएसटी को देश के आर्थिक विकास के महत्वपूर्ण बताते हुए कहा है कि इससे बड़ा बदलाव आएगा। यह अब तक सबसे कड़ा आर्थिक सुधार है, क्योंकि इससे पूरे देश में एक समान कर लगेगा। जीएसटी पर ज्यादातर दलों में आम सहमति के बाद ही इसे राज्यसभा में पेश किया है। हमने विवाद निपटारे के लिए राज्यों को ज्यादा अधिकार दिए हैं।
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने आगे कहा कि जीएसटी बिल का सबसे बड़ा भाग यह होगा कि यह भारत को एक समान बाजार में बदल देगा। यह राज्यों को और सशक्त बनाएगा। इससे राज्यों के राजस्व के साथ-साथ केंद्र के राजस्व में भी वृद्धि होगी। साथ ही इससे यह सुनिश्चित होगा कि ‘कर पर कोई कर नहीं’ लगेगा। सरकार ने अतिरिक्त एक फीसद टैक्स लगाए जाने का अपने पहले का प्रस्ताव वापस ले लिया है।
वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने राज्यसभा में वित्त मंत्री अरुण जेटली के जीएसपी पर दिए गए भाषण का स्वागत किया है। उन्होंने कहा है कि मैं साफ करना चाहता हूं कि कांग्रेस कभी भी जीएसटी के विरोध में नहीं थी। साथ ही उन्होंने जीएसटी की ऊपरी सीमा 18 फीसदी फिक्स करने की भी बात कही है। बता दें कि जीएसटी को पूर्व कांग्रेस नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार ने सबसे पहले पेश किया था।
जीएसटी को देश की अर्थव्यवस्था के लिए एक बेहतर कदम बताए जाने के बावजूद कांग्रेस ने आज स्पष्ट किया कि वह इससे संबंधित कानून में कर की मानक दर 18 प्रतिशत से अधिक न रखे जाने की अपनी मांग पर कायम रहेगी। साथ ही पार्टी ने कहा कि जीएसटी संबंधित कानून में विवाद निस्तारण तंत्र का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया जाना चाहिए।