ट्रंप के फिर बिगड़े बोल, कहा अमेरिका पर हमला होगा तो जापान घर में बैठ कर सोनी टीवी देखेगा

0

रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डौनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है। लेकिन इस बार यह बयान अपने विरोधी हिलेरी के बजाय जपान को लेकर दिया है। ट्रंप जापान का मजात उड़ाते हुए बोले कि यदि अमेरिका पर हमला हो तो पूरा जापान अपने घर बैठकर सोनी टेलीविजन देखेगा। टेलीग्राफ के मुताबिक, वह शुक्रवार को आयोवा में एक अभियान के दौरान अपनी हताशा में बोले कि अमेरिका इस एशियाई राष्ट्र की रक्षा करने के लिए एक संधि से बंधा है। लेकिन यदि अमेरिका पर हमला हो तो जापान अनुच्छेद 9 के कारण मदद नहीं कर सकता। यह अनुच्छेद विदेशों में सशस्त्र बल भेजने की संवैधानिक रूप से मनाही करता है।

इसे भी पढ़िए :  ISIS पर सबसे बड़ा हमला, अमेरिका ने अफगानिस्तान में गिराया 10 हजार किलो का बम

ट्रंप ने पूछा, “क्या आप जानते हैं कि हम जापान से एक संधि से बंधे हैं, जिसके तहत यदि जापान पर हमला होता है तो हमें अमेरिका की अपनी पूरी फौज और शक्ति का इस्तेमाल करना होगा. यदि हम पर हमला होता है, तो जापान को कुछ करने की जरूरत नहीं है। वे घर में बैठकर आराम से सोनी टेलीविजन देख सकते हैं. यह किस तरह की संधि है?”

इसे भी पढ़िए :  अमेरिकी दौरे पर अगर अजीत डोभाल ना होते साथ तो पीएम मोदी को होना पड़ता शर्मिंदा!

टेलीग्राफ के मुताबिक, अमेरिका और जापान ने 19 जनवरी, 1960 को आपसी सहयोग और सुरक्षा संधि पर हस्ताक्षर किया था। ट्रंप ने कहा कि उनका देश जापान, दक्षिणी कोरिया, जर्मनी, सऊदी अरब और अन्य राष्ट्रों की हिफाजत करता है, लेकिन “वे इस सुरक्षा खर्च पर आने वाली लागत का भी भुगतान नहीं करते।”
मैनहट्टन के अरबपति ने कहा, “उन्हें भुगतान करना होगा। क्योंकि यह 40 साल पहले की स्थिति नहीं है। यह दोतरफा मामला है।”

इसे भी पढ़िए :  ट्रंप का ‘मेक इन अमेरिका’ हुआ फ्लाफ, शर्मिंदगी के चलते सलाहकार परिषदों से CEO ने दिया इस्तीफा

हालांकि रिपब्लिक उम्मीदवार की यह टिप्पणी जापान पर उनका ताजा हमला था। इससे पहले सप्ताह के अंत में उन्होंने मुस्लिम अमेरिकी युद्ध के नायक के दुखी माता-पिता को अपमानित किया था और एक रोते हुए बच्चे को उसकी मां से रैली में नहीं लाने को कहा था। इससे उनकी मतदान संख्या बुरी स्थिति में पहुंच गई। मौजूदा समय में 47,000 अमेरिकी सैन्य अधिकारी जापान में हैं। यह गठबंधन अमेरिका के एशिया-प्रशांत रणनीति और सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।