आज फ्रेंडशिप डे है, जानें कैसे हुई इसकी शुरुआत और क्यों है ये दिन दोस्तों के लिए कुछ खास

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दोस्त की खुशी में खुश और दुख में दुखी। दोस्त ने कोई उपलब्धि हासिल की तो ऐसा लगना, जैसे खुद ने आसमान छू लिया हो, दोस्त बीमार हो तो उसके लिए दिन-रात दुआ करना और उसकी सेवा में लगे रहना। दोस्ती की ये कुछ ऐसी भावनाएं हैं, जिन्हें सिर्फ एक दोस्त दूसरे दोस्त के लिए सिर्फ कर सकता है।

“दोस्ती ज़िन्दगी में रौशनी कर देती हैं ! हर ख़ुशी को दोगुनी कर देती हैं…..!! कभी झूम के बरसती हैं बंज़र दिल पे ! कभी अमावस को चांदनी कर देती हैं”

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दोस्ती की भावना कुछ ऐसी ही होती है। किसी ने इन पंक्तियों में दोस्ती को बहुत अच्छे तरीके से बयान किया है। ज्यादातर रिश्ते तो हमें जन्म से ही मिलते हैं और कहते हैं कि हमारे जीवन में आने वाला हर रिश्ता भी भगवान पहले से तय करके रखता है। सिर्फ दोस्ती का ही एक रिश्ता ऐसा होता है, जिसे हम अपनी मर्जी से चुनते हैं।

 

फ्रेंडशिप डे का इतिहास

‘फ्रेंडशिप डे’ एक ऐसा दिन जो दोस्ती के नाम है। भारत सहित कई देशों में अगस्त महीने के पहले रविवार को दोस्ती का जश्न मनाया जाता है। वैश्वीकरण के इस युग में भारत के युवा पिछले कुछ सालों में बड़ी ही धूमधाम से दोस्ती-यारी के इस दिन को मनाते हैं।

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बता दें कि पहले बरसों तक दक्षिण अमेरिकी देशों खासकर पैराग्वे में फ्रेंडशिप डे मनाया जाता रहा है। यहीं पर साल 1958 में पहले अंतरराष्ट्रीय फ्रेंडशिप दिवस का प्रस्ताव रखा गया था। शुरुआत में ग्रीटिंग कार्ड्स का चलन था, लेकिन इंटरनेट के प्रचार प्रसार ने भारत और बांग्लादेश जैसे देशों में भी मशहूर कर दिया।

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30 जुलाई को होता है इंटरनेशनल फ्रेंडशिप डे

दुनियाभर के अलग-अलग देशों में फ्रेंडशिप डे अलग-अलग दिन मनाया जाता है। 27 अप्रैल 2011 को संयुक्त राष्ट्र संघ की आम सभा ने 30 जुलाई को आधिकारिक तौर पर इंटरनेशनल फ्रेंडशिप डे घोषित किया था। हालांकि भारत सहित कई दक्षिण एशियाई देशों में अगस्त के पहले रविवार को फ्रेंडशिप डे मनाया जाता है। ओहायो के ओर्बलिन में 8 अप्रैल को फ्रेंडशिप डे मनाया जाता है।