दिल्ली
दलितों पर हो रहे हमलों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए इसे रोकने का आह्वाहन किया है। अब इसका कारण चुनाव या जो भी रहा हो लेकिन पहली बार पीएम ने इस मामले पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। मोदी ने दलितों पर हमले और इसको लेकर राजनीति बंद करने का आह्वान करते हुए आज कहा कि ‘अगर आप गोली मारना चाहते हैं तो मुझे मार दीजिए।’ भावुक अपील करते हुए मोदी ने लोगों से कहा कि वे दलितों की रक्षा और सम्मान करें क्योंकि इस वर्ग की समाज द्वारा लंबे समय से उपेक्षा की गई है।
उन्होंने यहां भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मैं इन लोगों से कहना चाहता हूं कि अगर आपको कोई समस्या है, अगर आपको हमला करना तो मुझ पर हमला करिए। मेरे दलित भाइयों पर हमला बंद करिए। अगर आपको गोली मारनी है तो मुझे गोली मारिए, लेकिन मेरे दलित भाइयों को नहीं। यह खेल बंद होना चाहिए।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर देश को प्रगति करनी है तो शांति, एकता और सद्भाव के मुख्य मंत्र की उपेक्षा नहीं की जा सकती।
उन्होंने कहा, ‘‘देश के विकास का मुख्य स्रोत देश की एकता है।’’ उनका यह बयान उस वक्त आया है जब देश के कई हिस्सों में तथाकथित गोरक्षकों की ओर से दलितों और मुसलमानों के खिलाफ हिंसा करने को लेकर राजग सरकार को तीखी आलोचना का सामना करना पड़ा है।
मोदी ने कहा कि कुछ घटनाएं संज्ञान में आती हैं तो ‘बहुत दुख’ होता है। उन्होंने कहा, ‘‘दलितों की रक्षा करना और उनका सम्मान करना हमारी जिम्मेदारी होनी चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं जानता हूं कि यह समस्या सामाजिक है। यह पाप का परिणाम है जो हमारे समाज में घर कर गया है। परंतु हमें अतिरिक्त सावधानी बरतने और समाज को ऐसे खतरे से बचाने की जरूरत है।’’ मोदी ने कहा कि समाज को जाति, धर्म और सामाजिक हैसियत के आधार पर बंटने नहीं देना चाहिये।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘जो लोग इस सामाजिक समस्या का समाधान करना चाहते हैं, उनसे मैं ऐसी राजनीति छोडने का आग्रह करता हूं जो समाज को बांटती हो। विभाजनकारी राजनीति से देश का कोई भला नहीं होगा।’’