अभी फ्लिपकार्ट और ओला ग्लोबल राइवल ऐमजॉन और ऊबर से आगे हैं। हालांकि, दोनों ग्लोबल कंपनियां खुद को मार्केट लीडर बता रही हैं। ऐमजॉन और ऊबर ने फ्लिपकार्ट और ओला के बाद भारत में बिजनस शुरू किया था, लेकिन उनके मार्केट शेयर में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। बंसल और अग्रवाल ने दावा किया कि अमेरिकी कंपनियों के दबदबे से भारत में हाई वैल्यू जॉब्स पर बुरा असर पड़ेगा। उन्होंने यह भी कहा कि अगर लोकल कंपनियों का बाजार पर दबदबा होगा सिक्यॉरिटी, डेटा और प्राइवेसी सब पर भारतीयों का नियंत्रण होगा।
वहीं, ऐमजॉन और ऊबर भारत में हर हाल में सफल होना चाहती हैं क्योंकि वे चीन में अलीबाबा और दिदी चुक्सिंग के हाथों हार का सामना कर चुकी हैं। वहीं, फ्लिपकार्ट और ओला भारतीय स्टार्टअप्स में इन्वेस्टर की दिलचस्पी बनाए रखने में बड़ी भूमिका निभा रही हैं। दोनों कंपनियों ने निवेशकों से 4.4 अरब डॉलर की रकम जुटाई है। अगर वे नंबर वन की पोजीशन गंवाती हैं तो उनके वैल्यूएशन पर इसका बुरा असर पड़ेगा। बंसल ने कहा, ‘हमें भारत को ध्यान में रखकर पॉलिसी बनानी चाहिए, न कि दूसरों के तय मानकों के आधार पर खुद को आदर्श देश बनाने की कोशिश करनी चाहिए।’ उन्होंने ब्रेग्जिट और अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डॉनल्ड ट्रंप की जीत का हवाला देते हुए कहा कि आज दुनिया में यही सेंटीमेंट दिख रहा है।