पीएम मोदी के विकास एजेंडे को ‘मोदी का गांव’ के रूप में पर्दे पर उतारने को तैयार सुरेश झा को सेंसर बोर्ड से अनुमति नहीं मिली है। इसके बाद उन्होने पीएम मोदी से मदद की गुहार लगाई है।
झा ने बताया कि केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) द्वारा फिल्म की रिलीज पर रोक लगाए जाने के बाद उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय का दरवाजा खटखटाया है।
झा ने कहा, “सेंसर बोर्ड ने फिल्म की रिलीज के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय और निर्वाचन आयोग से अनापत्ति प्रमाणपत्र लाने के लिए कहा है। मेरे खयाल से ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी फिल्म की रिलीज के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय और निर्वाचन आयोग की अनुमति की जरूरत पड़ रही है।” इसके बाद सुरेश झा ने प्रधानमंत्री कार्यालय को चिट्ठी लिखकर अपनी फिल्म के लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र मांगा है।
सुरेश झा ने पीएमओ को लिखा है, “अपनी फिल्म के जरिए हमने प्रधानमंत्री मोदी की ईमानादार कार्यशैली और उनके स्वच्छ भारत, स्मार्ट इंडिया और डिजिटल इंडिया के सपने को प्रस्तुत किया है।” झा ने बताया कि उन्होंने पीएमओ के अधिकारियों के लिए फिल्म के विशेष प्रदर्शन की पेशकश भी रखी है और प्रधानमंत्री मोदी से इस संबंध में मुलाकात करने का समय भी मांगा है।
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