खत्म हुआ ‘रीगल’ का 85 साल पुराना सफर…आज से सिर्फ यादों में सिमटकर रह जाएगा ये सिनेमाघर

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रीगल
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दिल्ली के दिल कनॉट प्लेस में बना रीगल सिनेमा आज बंद हो जाएगा। करीब 85 साल के अपने सिनेमा और नाट्य मंच के सुनहरे दौर को यादों की तरह अपने साथ लेकर ‘रीगल’ के दरवाज़े हमेशा के लिए दर्शकों के लिए बंद हो जाएंगे।

कनॉट प्‍लेस स्थित दिल्‍ली के इस प्रीमियर सिनेमा में आज शाम के शो में ‘मेरा नाम जोकर’ दिखाई जाएगी और नाइट शो ‘संगम’ के नाम रहेगा। पचास के दशक में राजकपूर और नरगिस यहां आए थे, उन्‍हें यह थिएटर बहुत पसंद था। रीगल के वास्तुकार थे वाल्टर स्काइज जॉर्ज, इसे वर्ष 1932 में खोला गया था।

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सिनेमाघर के मालिकों में से एक विशाल चौधरी ने पीटीआई को बताया कि प्रशंसकों के अनुरोध के बाद ही उन्होंने राजकपूर की फिल्में दिखाने का निर्णय लिया। जिस जगह पर रीगल स्थित है, वह प्रॉपर्टी आरंभ में मशहूर पत्रकार खुशवंत सिंह के पिता और दिल्‍ली के ठेकेदार सर सोभा सिंह की हुआ करती थी। इसे 1938 में दयाल परिवार को हस्‍तांतरित कर दिया गया जब वज़ीर दयाल, जिनके नाम पर दिल्‍ली के वज़ीराबाद पुल और क्षेत्र का नाम पड़ा है, यहां सीपीडब्‍लूडी में चीफ़ एक्जिक्‍यूटिव इंजीनियर बनकर आए थे।

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अगली स्लाइड में जाने आखिर क्यों रीगल के आखिरी शो में होंगी ‘मेरा नाम जोकर’ और ‘संगम’

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