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सैफ ने कहा कि मैं अपने बेटे का नाम सिकंदर या राम नहीं रख सकता, तो फिर एक अच्छा मुस्लिम नाम रखने में क्या बुराई है। ऐसा नाम रखकर हम उसकी सेक्युलर परवरिश करेंगे, जिसके बाद लोग उससे मिलेंगे तो कहेंगे ‘कितना अच्छा इंसान है ये’ और इसके साथ ही उसके नाम पर बहस खत्म हो जाएगी।
सैफ ने कहा कि एक नाम से कुछ फर्क नहीं पड़ा। अशोका भी एक हिंसक नाम है उसी तरह एलेक्सेडंर भी इसी तरह का नाम है। तिमूर के एक बेटे का नाम शाहरुख था तो ऐसे में क्या कर सकते हैं।
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