
स्टेट फोरेंसिक एक्सपर्ट की रिपोर्ट में कहा गया था कि जिया की गर्दन पर आए निशान गले में दुपट्टे की वजह से हो सकते हैं। लेकिन पेन-जेम्स के मुताबिक, दुपट्टे से इस तरह के निशान नहीं पड़ सकते। उनके मुताबिक दुपट्टे के प्रेशर से गर्दन के चारों ओर इतने गहरे घाव पड़ना मुश्किल है। ये निशान दुपट्टे में लगी गांठो की वजह से आए हैं, जबकि पेन-जेम्स के मुताबिक दुपट्टे की वजह से जिया के निचले जबड़े पर निशान हो सकते थे। पेन-जेम्स ने भारतीय जांचकर्ताओं पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा हमें नहीं लगता कि भारतीय एक्सपर्ट्स ने खुदकुशी की साजिश पर पहले ठीक तरह से कोई सोच-विचार किया था, मसलन हो सकता है कि जिया को फांसी लगाने से पहले उनका गला घोंटा गया हो। पेन जेम्स के मुताबिक, जिया के बांए कांधे, निचले होंठ और ठोड़ी पर चोट के गहरे घाव थे। वो कम से कम दुपट्टे से लगाई गई फांसी के निशान तो नहीं हो सकते। पेन-जेम्स के मुताबिक, भारतीय फोरेंसिक एक्सपर्ट्स ने सही तरीके से जांच नहीं की है। भारतीय एक्सपर्ट की जांच में कई सीरियस मिसइंटरप्रिटेशन भी हैं।
उधर, राबिया के वकील दिनेश तिवारी के मुताबिक, पेन-जेम्स रिपोर्ट साफतौर पर बता रही है कि भारतीय जांचकर्ताओं ने अपना काम ठीक से नहीं किया। हम चाहेंगे कि अब कोर्ट इस रिपोर्ट पर विचार करे। एक्टर आदित्य पंचोली ने इस रिपोर्ट पर शंका जताते हुए कहा- यह रिपोर्ट एक निजी फोरेंसिक लैब द्वारा बनवाई गई है, जिसके लिए मोटी रकम भी चुकाई गई है। अब देखना है कि कोर्ट इस रिपोर्ट को मानती है या नहीं। आदित्य के मुताबिक, इस केस की जांच अलग-अलग एजेंसियों से कराई जा चुकी है और दोनों ने ही इसे खुदकुशी माना था।
सीनियर क्रिमिनल लॉयर रिजवान मर्चेंट के मुताबिक, किसी भी एक्सपर्ट की राय और सबूतों को ध्यान में रखते हुए कोर्ट इस पर गंभीर विचार कर इसे स्वीकार कर सकता है।































































