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उनका ये बयान तब आया है जब 26 जनवरी के अवसर पर पुरस्कार की घोषणा के बाद भारतीय वाणिज्य दूतावास ने उनसे संपर्क किया था। सेंट लुइस में रह रहे उस्ताद इमरत ने कहा कि उन्होंने दुनिया भर में भारतीय क्लासिकल संगीत, खास कर सितार और सुरबहार के प्रचार-प्रसार में बड़ा योगदान किया है।
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