सातवें वेतन आयोग में कम वृद्धि होने से नाराज करीब 33 लाख कर्मचारी 11 जुलाई से हड़ताल पर जाएंगे। ऑल इंडिया फेडरेशन और नेशनल ज्वाइंट कौंसिल ऑफ एक्शन के संयोजक शिवगोपाल ने कहा कि सातवें वेतन आयोग में न्यूनतम मजदूरी 18 हजार रूपए तय की गई है। जबकि पिछले वेतन आयोग में बेसिक पे 7 हजार रूपए तय किया गया था। उन्होंने उसमें 2.57 से गुणा कर 18 हजार रूपए तय किया है। जबकि कर्मचारी 3.68 गुणा के फिटमेंट फॉर्मूले की मांग कर रहे हैं।
हालांकि अभी तक हड़ताल को लेकर स्थिति साफ नहीं है। लेकिन सूत्रों की माने तो हड़ताल का नतीजा कुछ नहीं निकलेगा। सरकार बस भत्तों में थोड़ी बढ़ोतरी कर देगी। इससे ज्यादा कुछ नहीं मिलेगा।
वहीं आरएसएस से जुड़े संगठन भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) ने भी सांतवे वेतन आयोग की सिफारिशों पर ‘असंतोष’ जाहिर करते हुए कहा है कि सातवें वेतन आयोग के लागू होने से न्यूनतम और अधिकतम मजदूरी के बीच काफी अंतर हो जाएगा। हालांकि बीएमएस इस हड़ताल में शामिल नहीं होगा।
हम आपको बता दें कि सरकार ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को 29 जुलाई से लागू करने का फैसला किया है। इसका असर 47 लाख सरकारी कर्मचारियों पर पड़ेगा।