उत्तर प्रदेश के अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के मतदाताओं तक अपनी पकड़ जमाने की कोशिश में लगी है।अब विधानसभा चुनाव के ठीक पहले दलितों के साथ भोज कर वे राहुल गांधी के इस पुराने फार्मूले को अपना रहे हैं।हालांकि इस फॉर्मूले से कांग्रेस को कोई फायदा नहीं हुआ था।
उत्तर प्रदेश में राजनीतिक दलों का दलित प्रेम नई बात नहीं है। राहुल गांधी के आगमन पर, महात्मा गांधी के जन्मदिवस पर वर्ष 2013 में उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखने वाले वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओंं ने प्रदेश के तीन सौ दलित परिवारों के घर रात बिताई और सहभोजन का लुत्फ उठाया। उसके बाद भी लोकसभा चुनाव में सिर्फ सोनिया गांधी और राहुल गांधी ही जीत का स्वाद चख पाने में कामयाब हो सके।
फिलहाल उत्तर प्रदेश में भाजपा हर उस कोशिश को आजमाना चाहती है जिसके सहारे सत्ता तक पहुंचा जा सके। लेकिन उसे इस बात का ख्याल रखना होगा कि प्रदेश में उसके 71 सांसदों का रिपोर्ट कार्ड भी विधानसभा चुनाव में पार्टी के पक्ष में माहौल बनाने में अहम किरदार अदा करेगा। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि आखिर अमित शाह का दलितों के साथ वाराणसी में किया गया भोज क्या उनके दिलों में पार्टी के लिए जगह बना पाने में कामयाब हो सकेगा?
वीडियो मे देखिए – दलित के घर खाना खाते कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी