नई दिल्ली। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कश्मीर समस्या के लिए देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू को जिम्मेदार ठहराया है। अमित शाह ने बुधवार को कहा कि जवाहर लाल नेहरू के ‘ऐतिहासिक भूल’ की वजह से आज भी कश्मीर समस्या जिंदा है। इसके अलावा शाह ने देश के विभाजन के लिए तत्कालीन कांग्रेस नेतृत्व यानी नेहरू की ही आलोचना की है। अमित शाह ने कश्मीर मुद्दे पर सवाल उठाते हुए कहा कि 1948 में जब पाकिस्तान से आए कबाइली आक्रमणकारियों को कश्मीर से खदेड़ा जा रहा था, तो उस समय नेहरू को संघर्ष विराम की घोषणा नहीं करनी चाहिए थी।
दरअसल बीजेपी अध्यभ अमित शाह ने ये बयान भारतीय जन संघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी की याद में किए गए एक समारोह के दौरान दिया।
इस समारोह में त्रिपुरा के राज्यपाल तथागत रॉय ने एक व्याख्यान दिया। अपने व्याख्यान में रॉय ने साल 1953 में कश्मीर में मुखर्जी की मौत से जुड़ी परिस्थितियों पर सवाल उठाए। तब मुखर्जी एक विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेने के लिए वहां गए थे। राज्यपाल रॉय ने भी घटनाओं से निपटने के नेहरू के तौर तरीकों और मुखर्जी की मौत के कारणों की जांच न करने के नेहरू के फैसले पर सवाल उठाए। शाह ने कहा कि एक ‘बड़ा तबका’ इस बात को मानता है कि मुखर्जी की मौत दरअसल ‘हत्या’ थी और यदि इसकी जांच की गई होती तो सच सामने आ सकता था।
अमित शाह के इन बयानों के बाद फिलहाल कांग्रेस की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। देखना होगा कि अब नेहरू पर लगे आरोपों पर कांग्रेस क्या सफाई देती है।