नई दिल्ली। कश्मीर घाटी में जारी उथल-पुथल के बीच भारतीय थलसेना ने अपनी एक पूरी ब्रिगेड ही दक्षिण कश्मीर में भेज दी है। आतंकवादियों के सफाए और प्रदर्शनकारियों पर काबू पाने के लिए चलाए जा रहे ऑपरेशन ‘काम डाउन’ के तहत थलसेना ने यह ब्रिगेड भेजी है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इलाके में ‘जंगल राज’ जैसे हालात कायम होने की खुफिया सूचनाएं मिलने के बाद करीब 4,000 अतिरिक्त सैनिकों को स्थिति सामान्य बनाने के काम में लगाया गया है। हालांकि, उन्हें स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वे बल प्रयोग कम से कम करें।
सूत्रों ने बताया कि इलाके में हालात ऐसे हैं कि आतंकवादी और उनसे हमदर्दी रखने वाले लोग हावी हैं, वे प्रदर्शन कर रहे हैं और सड़कें जाम कर रहे हैं। दक्षिण कश्मीर के चार जिलों- पुलवामा, शोपियां, अनंतनाग और कुलगाम में सैनिकों को तैनात कर दिया गया है। घाटी में हिंसा के मौजूदा दौर में दक्षिण कश्मीर के जिले ही सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं।
मालूम हो कि बीते आठ जुलाई को हिज्बुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी की एक मुठभेड़ में हुई मौत के बाद से ही घाटी में हिंसक विरोध प्रदर्शनों का दौर जारी है। वानी दक्षिण कश्मीर क्षेत्र से ही ताल्लुक रखता था।
सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और जम्मू-कश्मीर पुलिस की सहायता से थलसेना के जवान बारीकी से इलाके की घेराबंदी कर रहे हैं और प्रदर्शनकारियों की ओर से किया गया सड़क जाम हटा रहे हैं, ताकि लोगों को आने-जाने में कोई परेशानी नहीं हो।
सड़कों पर पेड़ गिराकर, बिजली के खंभे गिराकर, बड़े-बड़े पत्थर रखकर और वाहनों को आग के हवाले करके प्रदर्शनकारियों ने सड़क जाम किया है। पुलवामा के करीमाबाद इलाके से जाम हटवाने के बाद सेना के जवान शोपियां और कुलगाम की ओर रवाना हुए हैं।
सूत्रों ने बताया कि बकरीद के मद्देनजर कुछ समय के लिए रोकी गई यह प्रक्रिया त्योहार के बाद फिर से शुरू की जाएगी। सेना के अतिरिक्त जवानों को भी इस काम में लगाया जा सकता है। यह फैसला ऐसी खुफिया सूचनाएं मिलने के बाद किया गया कि डंडों, पत्थरों और पेट्रोल बमों से लैस कश्मीरी नौजवान राष्ट्रीय राजमार्ग की तरफ जाने वाली सड़कों पर गश्त कर रहे हैं और लोगों को उनके घरों से निकलने या श्रीनगर की तरफ जाने से रोक रहे हैं।