नई दिल्ली। दिल्ली में चिकनगुनिया का प्रकोप बढ़ने के साथ ही राष्ट्रीय राजधानी में इस बीमारी से पांच लोगों के मरने की खबर है और पीड़ितों की संख्या 1,000 के पार चली गई है। दिल्ली में मंगलवार(13 सितंबर) को एक व्यक्ति की चिकनगुनिया से मौत हो गई।
सर गंगा राम अस्पताल में 75 वर्षीय प्रकाश कालरा की शाम इस बीमारी से मृत्यु हो गई। कालरा मथुरा के रहने वाले थे। सोमवार को इसी अस्पताल में तीन वृद्ध लोगों की चिकनगुनिया से मौत हुई थी।
अस्पताल के अधिकारियों ने कहा कि ‘‘उसे काफी गंभीर हालत में इस अस्पताल में लाया गया था और उसकी किडनी फेल हो गई थी। उसे आईसीयू में भर्ती कराया गया था। उसकी चिकनगुनिया आरटी-पीसीआर रिपोर्ट सकारात्मक आई।’’
अधिकारियों ने कहा कि 65 वर्षीय रामेन्द्र पांडेय की सर गंगा राम अस्पताल में चिकनगुनिया से कल मौत हो गई। इसी अस्पताल में उदय शंकर और 62 वर्षीय अशोक चौहान की भी मौत हुई। इन सभी की मौत चिकनगुनिया से होने की पुष्टि हुई।
वहीं 22 वर्षीय एक लड़की की हिंदू राव अस्पताल में एक सितंबर को मौत हो गई थी और इसके चिकनगुनिया से मरने की पुष्टि मंगलवार को की गई। सर गंगा राम अस्पताल के प्रबंधन बोर्ड के चेयरमैन डाक्टर बी.एस. राणा ने कहा कि सोमवार को जिन तीन लोगों की मृत्यु हुई, उन सभी की उम्र 60 से उपर थी।
द्वारका के उदय शंकर को 11 सितंबर को भर्ती कराया गया और 12 सितंबर को उनकी मृत्यु हो गई। चिकनगुनिया के लिए उनका आरटी-पीसीआर टेस्ट सकारात्मक आया। वह हमारे ओपीडी में आए थे और फिर उन्हें भर्ती कर लिया गया।
अस्पताल के अधिकारियों ने कहा कि ‘‘अलीगढ़ से 62 वर्षीय अशोक चौहान की भी सोमवार को चिकनगुनिया से मौत हो गई। उन्हें भी 11 सितंबर को आईसीयू में भर्ती कराया गया था और उनका आरटी-पीसीआर टेस्ट सकारात्मक आया।
वहीं कबीर नगर इलाके की ईशा की ‘‘चिकनगुनिया से जटिलताएं पैदा होने’’ के चलते हिंदू राव अस्पताल में एक सितंबर को मृत्यु हो गई थी। ईशा को इस अस्पताल में 26 अगस्त को भर्ती कराया गया था। उसका चिकनगुनिया का टेस्ट सकारात्मक आया और इस बात की पुष्टि की गयी कि उसकी मौत चिकनगुनिया से हुई है।
डाक्टरों का कहना है कि चिकनगुनिया आमतौर पर जानलेवा बीमारी नहीं है, लेकिन कभी कभार इससे जटिलताएं पैदा हो जाती हैं जो बच्चों और वृद्ध जनों के लिए घातक साबित होती हैं। दिलचस्प है कि एम्स में संदिग्ध तौर पर चिकनगुनिया से एक व्यक्ति की मौत होने की रिपोर्ट आई है, लेकिन अस्पताल अधिकारियों द्वारा इसकी पुष्टि अभी की जानी बाकी है।
एम्स के प्रवक्ता अमित गुप्ता ने कहा, ‘‘यह मौत चिकनगुनिया से हुई है, इसकी अभी पुष्टि होनी बाकी है। लेकिन तब तक यह एक संदिग्ध मामला है।’’ राष्ट्रीय राजधानी में चिकनगुनिया के मामले इस बार तेजी से बढ़कर 1,000 से ऊपर पहुंच गए हैं जो पिछले सप्ताह की गिनती से करीब 90 प्रतिशत अधिक है।
नगर निगम की जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक, 10 सितंबर तक इस वेक्टर जनित बीमारी के कम से कम 1,057 मामले दर्ज किए गए हैं। हालांकि, इस शहर में अस्पताल काफी अधिक संख्या बता रहे हैं।
एम्स में माइक्रोबायोलाजी विभाग के ललित डार ने कहा कि ‘‘ हमारी प्रयोगशालाओं में 11 सितंबर तक 1,360 चिकनगुनिया के रक्त के नमूने सकारात्मक आए हैं। मामले बढ़ रहे हैं और अधिक संख्या में लोग इससे प्रभावित हो रहे हैं।’’