जयललिता की पहचान एक मजबूत, कद्दावर और बुलंद इरादों वाले नेता के तौर पर जिंदा रहेगी। अम्मा का नाम हमेशा एक तगड़े तेवर वाली और शांत स्वभाव वाली नेता के तौर पर की जाएगी। अम्मा की जिंदगी में कई बार बड़े विवाद हुए, लेकिन हर विवाद के बाद अम्मा और ज्यादा उभरकर सामने आईं। मुश्किलें इनके बुलंद इरादों को कभी डिगा नहीं पाईं। चलिए अम्मा की जिंदगी से जुड़े ऐसे ही कुछ विवादों पर एक नज़र डालते हैं।
‘अम्मा’ से जुड़े बड़े विवाद
कलरटीवी घोटाला: 1996में जयललिता पर गांवों के लिए टीवी खरीदने में धांधली का आरोप लगा। आरोप हैं कि टीवी महंगी खरीदी गईं, जिसका कमीशन अफसरों को मिला।
तांसी जमीन विवाद: ये मामला जया पब्लिकेशन द्वारा गिंडी के तांसी स्थित राज्य अधीकृत लघु उग्योग कॉरपोरेशन की जमीन खरीदने से संबंधित है। इसमें जयललिता और शशिकला सहयोगी थीं। 1992 में हुए इस सौदे पर अदालत ने कहा कि यह खरीद-फरोख्त सरकार को धोखा देने के इलादे से की गई थी।
हत्या का केस: राजशेखरन ने 1998 में हत्या के प्रयास का केस दर्ज कराया। आरोप था कि जयललिता ने उसे जूते और डंडों से पिटवाया था।
कोयलाघोटाला: 1997में जयललिता पर बिजली बोर्ड के लिए 7 अरब रु. के कोयला आयात में अनियमितता बरतने का आरोप लगा।
अकूत संपत्ति को लेकर छापेमारी: 1996मेंकरुणानिधि ने जयललिता के निवास पर छापा मरवाया। छापे में 30 किलो सोना, 800 किलो चांदी और हीरे जड़ित ज्वैलरी मिली। 12 हजार साड़ियां, 750 जोड़ी सैंडल, 19 कारें, 38 एसी और 91 लग्जरी घड़ियां भी मिलीं। कोर्ट ने चार साल सजा और 100 करोड़ जुर्माने की सजा सुनाई। सीएम पद छोड़ना पड़ा था। बाद में उन्हें क्लीन चिट मिल गई।
सबसे महंगी शादी का रिकॉर्ड: 1995में जयललिता ने दत्तक पुत्र की शादी में 6 करोड़ रुपए खर्च किए। चेन्नई में 50 एकड़ के ग्राउंड में आयोजित इस शादी में 1.5 लाख मेहमान बुलाए गए थे। यह शादी सबसे महंगी शादी के तौर पर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है।
प्लेजेंट स्टे होटल विवाद : कोडइकनाल में सात मंजिला होटल को मंजूरी देने के विवाद भी जया का नाम सामने आया। हालांकि 2001 में मद्रास हाईकोर्ट ने उन्हें इसमें बरी कर दिया था। आरोप था कि नियमों की अनदेखी कर निर्माण कंपनी को मंजूरी दी।
“मेरी जिंदगी के एक तिहाई हिस्से पर मेरी मां का प्रभाव रहा, जिंदगी के दूसरे तिहाई हिस्सा पर एमजीआर का। मेरी जिंदगी का सिर्फ एक तिहाई हिस्सा ही मेरा है। मुझे इसी में बहुत सारे कर्तव्यों को पूरा करना है।” -जे.जयललिता