ग्रेटर नोएडा:बिसाहड़ा कांड मामले में इकलाख पक्ष के सात लोगों पर दर्ज हुए गोहत्या के मुकदमें को खारिज करने के लिए इकलाख पक्ष ने हाईकोर्ट में अर्जी दायर की है। इकलाख पक्ष के वकील असद हयात ने बताया कि अर्जी दायर कर इकलाख पक्ष ने मुकदमा खारिज करने के साथ ही गिरफ्तारी पर स्टे की मांग भी की है।
ग्रामीण सूरजपाल की तहरीर पर जिला न्यायालय के आदेश पर इकलाख, बेटे दानिश, पत्नी इकरामन, मां असगरी, भाई जान मोहम्मद और बेटी शाहिस्ता व सोना पर गोहत्या का मुकदमा जारचा कोतवाली में दर्ज है। मुकदमा दर्ज कराने के तुरंत बाद ही ग्रामीण सूरजपाल की तरफ से हाईकोर्ट में केविएट फाइल की गई थी। बिसाहड़ा गांव में बीते साल 2015 में 28 सितंबर की रात गोहत्या की सूचना पर इकलाख की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई थी और उसके बेटे दानिश को पीट-पीट कर अधमरा कर दिया गया था। इकलाख की हत्या के आरोप में 18 युवकों को जेल भेजा गया। दो नाबालिग आरोपियों को कोर्ट से जमानत मिल चुकी है।
इकलाख की हत्या के बाद ग्रामीण आठ महीने तक गोहत्या की रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए कोतवाली, एसपी, एसएसपी, डीआइजी, आइजी के चक्कर काटते रहे। लेकिन रिपोर्ट नहीं दर्ज की। इसके बाद कोर्ट के आदेश के तहत इकलाख पक्ष के सात लोगों पर गोहत्या की रिपोर्ट दर्ज की गई। अब गोहत्या के मुकदमें को खारिज कराने के लिए इकलाख पक्ष हाईकोर्ट पहुंचा चुका है, ऐसे में बिसाहड़ा कांड मामले में लगातार बदलते बयान और हालात के बीच कानूनी दांव-पेंच भी लगातार बदल रहे है। गोहत्या की रिपोर्ट दर्ज कर जारचा पुलिस ने जांच भी शुरू कर दी है। वादी पक्ष का बयान दर्ज किया जा चुका है। जल्द ही पुलिस घटना स्थल का निरीक्षण कर ग्रामीणों के बयान का मिलान करेगी।