दिल्ली: केंदीय मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने आज बसपा के एक पुराने नारे की याद दिलाई जिसमें सवर्णों को निशाना बनाया गया था और दलित मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आलोचना करने के लिए उन्होंने बसपा प्रमुख मायावती पर पलटवार किया।
सूचना और प्रसारण मंत्री ने कहा कि भाजपा को ऐसे नेता से प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं है जो ‘तिलक तराजू और तलवार, इनको मारो जूते चार’ का नारा लगाती थीं। यह दलितों को एकजुट करने के लिए बसपा का नारा था जिसे कई लोग सवर्णों के खिलाफ हिंसा भड़काने के तौर पर लेते थे।
मायावती के नारे में ‘तिलक’ को ब्राह्मणों के प्रतीक के रूप में, तराजू को वैश्य या बनिया समुदाय के लिए और तलवार को क्षत्रियों या राजपूतों के प्रतीक के रूप में माना गया।
नायडू ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘जो लोग इस तरह की भाषा का प्रयोग करते हैं वे प्रवचन दे रहे हैं। भगवान बचाए भारत को।’’ दलितों पर हमले के लिए मोदी द्वारा गाय रक्षकों की कड़ी आलोचना के बाद मायावती की टिप्पणी के बारे में उनसे पूछा गया था। मायावती ने उन्हें ‘कुंभकर्ण’ कहा था। कुंभकर्ण रामायण का एक पात्र है जो लगातार छह महीने तक सोता था। मायावती ने दावा किया कि उन्होंने उत्तरप्रदेश चुनावों के कारण अपनी चुप्पी तोड़ी।
नायडू ने कहा कि भाजपा जब विपक्ष में थी तो राज्यों के मामलों को उठाने की उसे अनुमति नहीं थी लेकिन विपक्षी दल अब इसे :राज्यों में दलितों पर हमले को: राष्ट्रीय मुद्दा बना रहे हैं।
नायडू ने मोदी द्वारा गाय रक्षकों की आलोचना के बावजूद विपक्षी दलों द्वारा प्रधानमंत्री को निशाना बनाने पर उनको खरी खोटी सुनाई। सूचना..प्रसारण मंत्री ने कहा, ‘‘वे कहेंगे प्रधानमंत्री चुप क्यों हैं? अगर वह हिंदी में बोलेंगे तो वे कहेंगे कि हिंदी में क्यों बोल रहे हैं? अगर वह बाहर बोलेंगे तो कहेंगे कि अंदर :संसद के: क्यों नहीं? अगर वह लोकसभा में बोलेंगे तो कहेंगे कि राज्यसभा में क्यों नहीं? जब वह बोलते हैं तो वे कहते हैं कि उन्होंने काफी देर कर दी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह क्या है? यह समझना कठिन है। कुछ लोगों में यह बीमारी है जिसे ठीक किया जाना चाहिए।’’ उन्होंने दलितों के खिलाफ अत्याचार के मामलों को उजागर करने के लिए भाजपा शासित राज्यों को चुनने को लेकर विपक्षी दलों पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि यह ‘‘चुनिंदा तीर्थयात्रा’’ का मामला है। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं मोदी के सत्ता में आने के काफी पहले से हो रही हैं।
उन्होंने इस तरह की घटनाओं के लिए कुछ गलत लोगों को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि भारत में जानवर और वृक्ष भी पूजे जाते हैं।