नई दिल्ली। बीजेपी नेता सुदेश वर्मा ये कहते नहीं थक रहे की मंहगाई की दर इस समय सब से कम है और इस बात की जितनी सराहने की जाए कम है। पर इसी बीच खुदरा बाज़ार में दाल की कीमतें 190 से 200 रु प्रति किलो जा पहुंची हैं। वर्मा के बयानो के बिलकुल विपरीत इन बदती हुई कीमतों से केंद्र सरकार परेशान है और उसने बाहर के देशों से दाल आयात करने का फैसला किया है। मुश्किल तो ये है कि इस पर भी बात बनती नज़र नहीं आती
क्योंकि सरकार ने जिन देशों से दाल महंने पर विचार किया है, वहीं भी दाल की फसलें कम होने से आयात का सौदा महंगा साबित होने की संभावना है। गौरतलब है कि पिछले कई साल से दालें आम आदमी की पहुंच से बाहर हो चुकी हैं। आम आदमी की थाली की आदमी पहचान बताने वाली दाल अब आम आदमी को ही मुअस्सर नहीं। पिछली यूपीए सरकार भी दाल की बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने में नाकाम साबित हुई। हालांकि एनडीए सरकार ने महंगाई पर काबू करने का वादा जरूर किया था। लेकिन पिछले दो साल से एनडीए सरकार भी इस वादे को पूरा करने में नाकाम साबित हुई है।
































































